गुरुवार, 29 नवंबर 2018
शनिवार, 3 नवंबर 2018
क्या भारत कभी कांग्रेस मुक्त हो पायेगा ?
3 जनवरी, 2018
काफी समय से सुन रहा हूँ। मोदी जी जब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार ही घोषित हुए थे तभी से कांग्रेस मुक्त भारत की परिकल्पना कर रहे हैं, और उस दिशा में पूरे जोर शोर में लगे हुए हैं। कांग्रेस मुक्त भारत की परिकल्पना के पीछे उनके क्या तर्क हैं, कितने जायज हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं करनी हमें। मुद्दा ये है कि क्या कांग्रेस मुक्त भारत मुमकिन है ? क्या भारत से कांग्रेस नाम की पार्टी का अंत होना संभव है ? 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अभूतपूर्व दुर्गति हुई थी। दिल्ली से पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। उत्तर प्रदेश में भी सिर्फ गाँधी परिवार के उम्मीदवार ही अपनी सीट बचाने में कामयाब हो पाए थे। कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों की संख्या इतनी भी नहीं हुई थी कि पार्टी को विपक्ष के नेता का पद मिल सके। सिर्फ 44 सीट ही मिली थी पार्टी को। तब भाजपा ही नहीं विपक्षियों को भी लगने लगा था कि सर्वाधिक काल तक देश और राज्यों में एकक्षत्र राज कर चुकी इस पार्टी का अब धीरे धीरे ह्रास ही होगा। इस बात को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के चुनाव ने और भी बल दिया। 70 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।
2015 के ही आखिर में जब बिहार में चुनाव हुए तो महागठबंधन का हिस्सा रही कांग्रेस ठीक ठाक सीट ले आई।2017 में जब पंजाब में चुनाव हुए तो बहुत ही जोरों शोरों से चर्चा थी कि दिल्ली की तरह से ही पंजाब में भी आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी और कांग्रेस का पंजाब में भी दिल्ली वाला हश्र होगा। लेकिन वहाँ तो कांग्रेस ने सरकार बना लिया। बेशक भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रही हो, लेकिन गोवा, मणिपुर में भी भाजपा और कांग्रेस में काँटे की टक्कर रही।