28 अक्टूबर, 2018
सुबह सुबह ये खबर सुनकर दिल दहल गया। क्या हो गया है, नई उमर की नई फसल को ? क्यों ऐसा व्यवहार करने लगे हैं आजकल के बच्चे ?कहने को कह सकते हैं कि सरकार ये नहीं करती, सरकार वो नहीं करती, सरकार को ऐसा करना चाहिए, सरकार को वैसा करना चाहिए। मतलब कि पिछले कुछ दशकों से ये परम्परा सी चल पड़ी है कि कुछ भी गलत हो, तो सरकार में मत्थे जिम्मेदारी मार दो, सरकार की नीतियों को दोषी करार दे कर जनता के कर्तव्य की इतिश्री हो जाती है आजकल। इस घटना के बाद भी बैठकें होंगी, विपक्षी दल सरकार से इस्तीफा माँगेंगे, मानो उनके शासन काल में ऐसी घटना कभी हुई ही न हो। हर छोटी बड़ी घटना पर विपक्ष का इस्तीफा माँगना भी एक चलन हो गया है आजकल। सीधे इस्तीफा की ही माँग करता है विपक्ष, इससे कम पर कभी राजी नहीं होता विपक्ष। अगर विपक्ष की माँग पर सरकार इस्तीफा देने लगे तो हर दूसरे दिन चुनाव हो। लेकिन विपक्ष को इससे क्या लेना देना ? उसको तो किसी भी तरह से सत्ता पर आसीन होने का मौका चाहिए। ऐसा भी देखा गया है कि चुनाव में बुरी तरह से धराशाई होने के थोड़े दिन बाद से ही विपक्ष सरकार से इस्तीफा माँगने लगता है। और अगर सरकार इस्तीफा दे दे, तो फिर सरकार की इस बात के लिए भी आलोचना करते हैं कि इस्तीफा क्यों दिया। 2014 में हो चूका है केजरीवाल सरकार के इस्तीफा देने के बाद। उसके बाद 2015 के चुनाव में बुरी तरह जीरो सीट लाने के बाद से ही अनगिनत बार कांग्रेस केजरीवाल सरकार से इस्तीफा माँग चुकी है।
विपक्षी की तरह हम भी मुद्दे से भटक गए। हाँ, तो हम बात कर रहे थे कि ऐसी घटना क्यों होती है ? क्यों बच्चे इतने हिंसात्मक प्रवृति के हो रहे हैं।