2 फरवरी, 2017
ऐसी ही प्रतिक्रिया आती है न मीडिया की और विपक्षी नेताओं की ? मामला सिर्फ आम आदमी पार्टी के किसी विधायक से जुड़ा होना चाहिए, सही है या गलत, इससे कोई मतलब नहीं। बस इल्जाम केजरीवाल पर लग जाता है। केजरीवाल के विधायक ने ये कर दिया, केजरीवाल के विधायक ने वो कर दिया। अगर दूसरी पार्टी नेता से सम्बंधित बात हो तो कहेंगे, भाजपा नेता या कांग्रेस नेता, लेकिन आम आदमी पार्टी का विधायक सीधे-सीधे केजरीवाल का विधायक होता है, पार्टी का नहीं ।
आज सुबह-सुबह एक खबर अख़बार की सुर्खी बनी, एक विधायक ने सामूहिक विवाह समारोह में शादी की। बड़ा अच्छा लगा सुनकर। शादी विवाह जिंदगी में एक बार ही होता है। इस उत्सव में लोग जी खोल कर पैसे खर्च करते हैं। यथाशक्ति धन वैभव का प्रदर्शन करते हैं। महँगे से महँगे बैंकवेट हाल में आयोजन होता है। अगर दूल्हा जनप्रतिनिधि हो तो फिर फार्म हाउस में ही शादी होती है। मतलब कि कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते लोग अपनी शादी समारोह के आयोजन में। लेकिन ये कैसा विधायक है जिसने बिल्कुल ही सादे समारोह में अपना विवाह कार्य संपन्न किया। कौतुहल हुई पूरा समाचार पढ़ने की। फिर पता चला कि करोल बाग से आम आदमी पार्टी के विधायक श्री विशेष रवि ने।
लेकिन इस बात की ज्यादा चर्चा नहीं हुई, राजनीतिक हलकों में । क्योंकि कि बहुत बढ़िया काम किया विधायक जी ने। वैसे बढ़िया काम तो हमेशा ही करते हैं लेकिन उसमें कुछ न कुछ बुराई निकाल लेते हैं। फिर उस बुराई को ही प्रचारित किया जाता है मीडिया द्वारा। कोशिश तो इस बार भी की होगी लेकिन कोई बुराई नही दिखी तो दबी जुबान में तारीफ ही करनी पड़ी। तारीफ इतनी जोरदार नहीं थी जितनी जोरदार बुराई होती है मीडिया द्वारा आम आदमी पार्टी के नेता या विधायकों की।
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