6 नवम्बर, 2016
दिल्ली में पिछले कई दिनों से स्मोग का आतंक है। इतनी स्मोक के लिए कौन है जिम्मेदार ? कहाँ से आया इतना धुआँ ? स्थिति इतनी भयावह और भयानक तो पहले कभी नहीं हुई कि साँस लेना भी मुश्किल हो जाए और लोगों को मास्क लगा कर बाहर निकलना पड़े। स्कूलों को भी बंद करने की नौबत नहीं आई कभी। तो फिर इस साल इतना धुआँ कहाँ से आ गया जो लोगो के जान पर बन आई है ? कोई राजनीति नहीं करते हुए, धुएँ के इस निर्माण और फैलाव को रोकने की जरुरत है। इसके लिए जिम्मेदार लोगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
जब दिल्ली सरकार odd - even लेकर आई थी तब तुच्छ मानसिकता वाले चंद लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लग गए थे। खूब विरोध करने लगे थे कुछ स्वार्थी लोग, हालाँकि odd - even से दिल्ली की फिजा में प्रदूषण की उल्लेखनीय कमी हुई थी। लेकिन सरकार को कदम पीछे हटाना पड़ा। आज दिल्ली में लोगों का स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। किधर हैं odd - even विरोध में झंडा बुलंद करने वाले, तुच्छ राजनीति करने वाले लोग ? क्यों उनकी जुबान पर ताला लग गया है ?
आज निर्दोष जनता को भुगतान पड़ रहा है। तुच्छ मानसिकता वाले लोग तो अपनी राजनीतिक रोटी सेंक कर, उसको खाकर और पचाकर निकल लिए हैं। लेकिन आज गरीब और ईमानदार जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "एक मिनट की लम्बाई - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद। आभारी हूँ।
हटाएंमृत्युंजय