7 अक्टूबर, 2016
मेरे पास एक ही निजी दूरसंचार कंपनी के तीन सिम हैं। आज किसी काम से निजी दूरसंचार कंपनी के आउटलेट पर जाने की जरुरत पड़ी। अंदर घुसते ही लगा कि जैसे जन्नत में आ गया हूँ। बिलकुल साफ-सुथरा और आनंददायक माहौल देखकर चकित रह गया। पूर्णतः वातानुकूलित परिसर में प्रवेश कर, मैं अपने आपको धन्य समझ रहा था। चंद पल के लिए मैं इस वातावरण में गुम हुआ ही था कि किसी नवयौवना की मधुर सी आवाज कानों में पड़ी तो मेरी तन्द्रा टूटी।
"कहिए सर, क्या काम है"।
इतना भव्य स्वागत की कभी आदत नहीं रही सो एक दम से भौंचक्का रह गया।
शायद उसको मेरी मानसिक स्थिति का पता चल चूका था। उसने मुस्कुराते हुए फिर से दुहराया, "कहिए सर, क्या काम है"। इस बार थोड़ा घबराते और हकलाते हुए मैंने अपना काम बताया। उसने तुरंत जवाब दिया, "सर, अभी एक की वेटिंग है, उसके बाद आपका काम करवा देती हूँ। आप वेटिंग एरिया में वेट कीजिए"।
हर कर्मचारी अपने काम में व्यस्त था, किसी को आपस में बात करने का वक्त नहीं था। कोई भी अपने मोबाइल फ़ोन पर वार्तालाप में व्यस्त नहीं था। न ही कोई मोबाइल पर गेम खेल रहा था। वातावरण का अध्ययन ही कर रहा था कि चंद मिनटों बाद उसी नवयौवना ने मेरा मोबाईल नंबर पुछा और एक टोकन निकाल कर दिया। फिर बोली, "सर, आप फलाँ काउन्टर पर चले जाइये"।
वहाँ जाकर मुझसे कुछ दस्तावेज माँगे गए, जो मैंने सहर्ष दिया। उसके बाद एक युवक मेरे दस्तावेज लेकर अंदर गया और कुछ देर में वापस आया। मुझे लगा कि वो मेरे रिक्वेस्ट की प्रोसेसिंग करने गया था, लेकिन पता चला कि चूँकि मेरे पास तीन सिम है इसलिए वो दस्तावेजों की फोटो कॉपी करने गया था।
मैं सरकारी कंपनियों की कार्यशैली से पूर्णतः परिचित था इसलिए खुद से ही दस्तावेजों की 3 प्रति लेकर गया था। लेकिन निजी दूर संचार कंपनी की कार्यशैली देखकर बड़ा ही सुखद आश्चर्य हुआ। चंद मिनटो में ही मेरा काम हो गया। सरकारी दफ्तर में इसी काम के घंटों लग जाते हैं। कभी-कभी तो हफ्ते भी।
अब समझ आया कि विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण होते हुए भी, पैसे की थोड़ी सी भी कमी न होते हुए भी सरकारी कंपनियाँ घाटे में क्यों रहती है, और ये निजी कंपनियाँ इतना मुनाफा कैसे कमा लेती हैं। ग्राहको के लिए निजी कंपनियों का सेवा भाव ही इसकी तरक्की का मूल कारण है।
निजी कंपनियाँ ग्राहकों के साथ ऐसा व्यवहार करती हैं जैसे मानो इन्ही के लिए बैठी हो, वहीं सरकारी दफ्तरों में अभी भी टरकाने का काम चल रहा है। निजी कंपनियों की सेवा थोड़ी महँगी जरूर है, लेकिन ग्राहकों का दिल जीत लेती है।
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