इस बात के आरोप तो पहले से ही लग रहे थे कि दिल्ली पुलिस आम आदमी पार्टी के नेताओं और विधायकों के मामले में अति-सक्रियता से काम करती है। कल कोर्ट से मिली फटकार से इस आरोप को बल ही मिलता है। क्या गुलाब सिंह इतने बड़े आतंकवादी हैं कि उनको फ्लाइट से गुजरात जाकर गिरफ्तार करने पहुँच गई दिल्ली पुलिस ? शायद इतना गंभीर आरोप भी नहीं है विधायक गुलाब सिंह के ऊपर, फिर दिल्ली पुलिस की अति-सक्रियता किस लिए ? कोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस के तौर- तरीके पर सवाल उठाए हैं।
आम तौर पर जब पुलिस रिमांड मांगती है तो अदालत द्वारा मिल जाती है, लेकिन इस मामले में तो माननीय न्यायालय ने पुलिस रिमांड देने से इंकार कर दिया। आम आदमी पार्टी पहले से ही आरोप लगाती रही है कि दिल्ली पुलिस उसके नेताओं और विधायको को परेशान कर रही है। आखिर जरुरत क्या थी दिल्ली पुलिस को इतनी सक्रियता दिखाने की ? गुलाब सिंह आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के प्रभारी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी की जनसभा होने वाली थी गुजरात में। इसकी तैयारी काफी दिनों से चल रही थी।
इस जनसभा के तमाम इंतजामों के कर्ता-धर्ता गुलाब सिंह ही थे। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि इस जनसभा को विफल करने के लिए ही दिल्ली पुलिस ने अति-सक्रियता दिखाकर पार्टी के विधायक गुलाब सिंह को जनसभा से ठीक पहले गिरफ्तार किया है। क्या इस तरह के कदमों से एक सम्मानित सरकारी संस्था की किरकिरी नहीं होती ? इससे पहले भी कई बार आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ अति-सख्ती दिखाने के कारण दिल्ली पुलिस को कोर्ट से फटकार मिल चुकी है।
इससे साफ़ पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी अपने विरोधियों के दमन के लिए दिल्ली पुलिस का सहारा ले रही है। लेकिन इससे छवि तो दिल्ली पुलिस की ही ख़राब हो रही है न ?
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