1 अगस्त, 2016
अभी पिछले दिनों गुरुग्राम (पुराना गुडगाँव) में बारिश के पानी की वजह से खूब लंबा अभूतपूर्व जाम लग गया सड़कों पर। बहुत से लोग ऑफिस में ही फँसे रह गए। जाम में फँसे लोगों को रात सड़क पर ही बितानी पड़ी। बिना खाना-पीना के लोगों ने सड़क पर कैसे गाड़ी की सीट पर बैठकर अपनी रात बिताई होगी सुनकर ही दया आती है। न जाने कितने किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी लाइन लगी थी। घर के लोग भी परेशान थे कि ये लोग घर क्यों नहीं पहुंचे ? कुल मिलाकर बेचैनी का ही माहौल था।
कई साल पहले ऐसी ही घटना मुम्बई में भी हुई थी। बहुत से लोग सड़क जाम में फँस गए थे, पूरी रात सड़क पर ही गुजारनी पड़ी थी। मुम्बई में तो बारिश होती भी खूब है, लेकिन गुरुग्राम में उतनी बारिश नहीं हुई थी कि हालात इतने बेकाबू हो जाए और आपदा प्रबंधन टीम को बुलानी पर जाए। स्थानीय विधायक का कहना था कि CISF, BSF और Home Guard के 250 जवान लगे हुए हैं ट्रैफिक को मैनेज करने में। सिर्फ भारतीय सेना के सेवा लेनी बाकि रह गयी थी। कुप्रबंधन के कारण सब कुछ हो सकता है।
हर साल मानसून से पहले हर शहर की नगरपालिका, नगर निगम दावे करती है कि नालियों की सफाई अच्छे से हो गयी है। पानी की निकासी के लिए सारे प्रबंध चाक-चौबंद हैं। गुरुग्राम में नगर निगम का काम अगर ईमानदारी से किया गया होता तो ऐसी नौबत क्यों आती ? सारे दावे धरे के धरे रह जाते हैं जब प्रकृति अपनी तरफ से परीक्षा लेती है। प्रकृति के सामने न तो रिश्वत चलता है और न ही सत्ता का अहंकार। भाजपा नेता संबित पात्रा जनता से हाथ जोड़कर माफ़ी मांग रहे थे। माफ़ी मांग लेने से समस्या ख़त्म नहीं हो जाती।
अगर यही सब कुछ किसी और राज्य में हुआ होता तो भारतीय जनता पार्टी के लोग जनता से माफ़ी नहीं मांगते। राज्य सरकार और नगर निगम को जी भर कर कोसते। लेकिन ने प्रकृति ने भाजपा को ब्लेम गेम खेलने का भी मौका नहीं दिया। हरियाणा में भाजपा की सरकार है, सांसद भी भाजपा के हैं और विधायक भी। सुना है नगर निगम पर भी भाजपा का ही कब्ज़ा है। अगर इनमें से किसी एक पर भी दूसरे पार्टी के लोग होते फिर देखते भाजपा का ब्लेम गेम। सारी की सारी जिम्मेदारी उसी पार्टी के ऊपर डाल देते भाजपा वाले।
लेकिन मुख्यमंत्री खट्टर ने इसके लिए भी दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार उनके साथ सहयोग नहीं कर रही है। अब जाम गुरुग्राम में, हरियाणा में, इसमें दिल्ली सरकार क्या सहयोग करे ? लोगों से कहे कि गुरुग्राम न जाओ ? या फिर बारिश कोई ही बंद करवा दे ?
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