नया मोटर बिल मंजूर हो गया है कैबिनेट द्वारा। मोटर बिल का मकसद होता है ऐसे प्रावधान करना जिससे गाड़ी चलाने वाले, सड़क पर चलने वाले एवं सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त होने वाले के हितों की रक्षा हो सके। इसके लिए नियम बनाए जाते हैं और नियम तोड़ने वालों को हतोत्साहित करने के लिए सजा एवं जुरमाना का प्रावधान भी किया जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है इस बिल में भी। वैसे नियम तो पहले भी थे लेकिन शायद बढ़ती महँगाई के कारण जुरमाना नगण्य सा हो गया था और नए प्रावधानों की जरूरत पड़ गयी थी इसलिए नया बिल लाया गया जो कि अभी कैबिनेट से ही मंजूर हुआ है। इसको कानून बनने में अभी लंबा सफर तय करना है।
बिल के मुख्य बिंदु इस प्रकार है। ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी रेजिस्ट्रेशन के लिए अलग-अलग एक नया राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने की बात कही गयी है। इससे पूरे देश में गाड़ी और वाहक के बारे में जानकारी पाना आसान हो जायेगा। फर्जी लाइसेंस और रेजिस्ट्रेशन पर भी रोक लग सकेगी। गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुधारने हेतु डीलर द्वारा ही रेजिस्ट्रेशन किये जाने देने की बात कही गयी है।
हिट एन्ड रन के मामलों में हर्जाना 25,000/- से बढाकर 2,00,000/- करने का प्रस्ताव है। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर जुरमाना 500/- से बढाकर 5,000/- करने का प्रस्ताव है। अयोग्यता के बावजूद गाड़ी चलाने पर जुरमाना 500/- से बढाकर 10,000/- करने का प्रस्ताव है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुरमाना 2000/- से बढाकर 10,000/- करने का प्रस्ताव है। लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने पर 25,000/- से 1,00,000/- तक जुरमाना का प्रस्ताव है। ये नया नियम बना है। यात्रियों की ओवरलोडिंग करने पर 1000/- प्रति यात्री जुरमाना का प्रस्ताव है। सीट बेल्ट न लगाने पर जुरमाना 100/- से बढाकर 1,000/- करने का प्रस्ताव है। बाइक-स्कूटर पर तीसरी सवारी बिठाने पर जुरमाना 100/- से बढाकर 2,000/- करने का प्रस्ताव है और लाइसेंस 3 महीने के लिये अयोग्य होगा । बगैर हेलमेट बाइक-स्कूटर चलाने पर जुरमाना 100/- से बढाकर 1,000/- करने का प्रस्ताव है और लाइसेंस 3 महीने के लिये अयोग्य होगा ।
बिल की सबसे बड़ी बात है कि नाबालिग द्वारा अपराध किये जाने के मामलों में उसके अभिभावक / गाड़ी के मालिक को भी दोषी माना जायेगा एवं 25,000/- जुरमाना के साथ 3 साल की कैद हो सकती है। गाड़ी का रेजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जाएगा। आपात गाड़ी को रास्ता ने देने वालों के लिए नया नियम बना है और जुरमाना 10,000/- करने का प्रस्ताव है। सबसे अच्छी बात है कि अगर उल्लंघन किसी ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाता है, जिस पर इन सबका पालन करवाने की जिम्मेदारी है तो उससे सेक्शन 210बी के तहत दोगुना पेनाल्टी वसूला जाएगा। तो शुरू हो जाओ, दिल्ली में ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए पोलिस ऑफिसर्स की फोटो दिल्ली ट्रैफिक पोलिस के फेसबुक पेज पर अपलोड करो। अरे, रुको रुको, पहले इसको कानून तो बन जाने दो।
बड़ी उम्मीद थी की बिल में पैदल चलने वालों के हितों की रक्षा के लिए भी प्रावधान किया जायेगा। फुटपाथ पर लोग बाइक और स्कूटर चलाने लगते हैं, अब पैदल लोग किधर जायें ? ऐसे लोगों के लिए कितना जुरमाना रखा गया है ? फुटपाथ पर अवैध तरीके से ठेले-खोमचे लगे रहते हैं, पैदल चलने वाले कहाँ चलें ? फूटपाथ पर ही नाइ की दुकान भी खुल जाती है, मोची जूते बनाने लगते हैं। पैदल चलने वाले क्या करें ? इन सब पर पेनाल्टी क्यों नहीं लगाई जाती ? क्या सिर्फ इसलिए कि पैदल चलने वाला कोई रोड टैक्स नहीं देता ? अच्छे दिनों वाली सरकार को इस पर नहीं सोचना चाहिए ?
बड़ी उम्मीद थी की बिल में पैदल चलने वालों के हितों की रक्षा के लिए भी प्रावधान किया जायेगा। फुटपाथ पर लोग बाइक और स्कूटर चलाने लगते हैं, अब पैदल लोग किधर जायें ? ऐसे लोगों के लिए कितना जुरमाना रखा गया है ? फुटपाथ पर अवैध तरीके से ठेले-खोमचे लगे रहते हैं, पैदल चलने वाले कहाँ चलें ? फूटपाथ पर ही नाइ की दुकान भी खुल जाती है, मोची जूते बनाने लगते हैं। पैदल चलने वाले क्या करें ? इन सब पर पेनाल्टी क्यों नहीं लगाई जाती ? क्या सिर्फ इसलिए कि पैदल चलने वाला कोई रोड टैक्स नहीं देता ? अच्छे दिनों वाली सरकार को इस पर नहीं सोचना चाहिए ?
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