25 जुलाई, 2016
जब से आम आदमी पार्टी का निर्माण हुआ है, मीडिया इसकी छोटी से छोटी खबर को भी कवर करने से नहीं चूकती। करे भी क्यों नहीं, इससे इनको अच्छी खासी टीआरपी जो मिलती है। चाहे अन्ना का आंदोलन हो या फिर अरविन्द केजरीवाल का अनशन। मीडिया ने एक-एक चीज को, एक-एक घटना को बड़ी प्रमुखता से दिखलाया है। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि आम आदमी पार्टी की सफलता के पीछे मीडिया का भी बहुत बड़ा रोल है।
लेकिन जबसे आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, कुछ ऐसे घटना क्रम हुए हैं जिससे मन सोचने को मजबूर होता है कि कहीं मीडिया आम आदमी पार्टी के प्रति पक्षपाती तो नहीं हो गयी है। 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान ही कुछ न्यूज चैनलों ने तो जैसे इस पार्टी के खिलाफ मोर्चा ही संभाल लिया था। आम आदमी पार्टी की एक-एक नीतियों की बखिया उधेड़ते दीखते थे ये चैनेल। ऐसा नहीं है कि सभी चैनल इसके विरोध में ही थे, कुछ चैनेल इनकी नीतियों की सही व्याख्या भी करते थे।
विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली विधानसभा में भाजपा को ऐतिहासिक 3 और कांग्रेस को ऐतिहासिक 0 सीटें मिली। एक तरह से विधानसभा में विपक्ष समाप्त ही हो गया। ऐसे में मानो जैसे विपक्ष की पूरी जिम्मेदारी मीडिया के एक वर्ग ने ही संभाल लिया। चाहे कैसा भी फैसला हो सरकार का, मीडिया का एक वर्ग इसमें बुराई निकाल ही लेता था। ओड-इवन की सफलता से पूरी दिल्ली लाभान्वित हो रही थी। लोग समय से पहले ही अपने गंतव्य स्थल पर पहुँच रहे थे। देश के दूसरे शहर भी इससे प्रेरणा लेकर इसको अपने यहाँ लागू करने की बात कर रहे थे। विदेशों में भी इसकी खूब तारीफ हो रही थी। दिल्ली में वायु प्रदुषण कम हो रहा था। लेकिन मीडिया के एक वर्ग को इसमें भी खूब बुराई दिख रही थी।
सरकार बनने के बाद से ही एक-एक करके आम आदमी पार्टी के 10 विधायक गिरफ्तार हो चुके हैं। जब इन पर आरोप लगता है, तभी से मीडिया का एक वर्ग इस पर दिन-रात समाचार दिखाने लगता है। मुझे याद है, पिछले साल जब सोमनाथ भारती पर घरेलु हिंसा के आरोप लगे थे। उसके बाद से उसकी गिरफ़्तारी तक मीडिया में इस खबर को खूब प्रमुखता से दिखाया जाता था। शायद ही कोई दिन था जब इस पर डिबेट नहीं होती थी। लेकिन जब उनको जमानत मिली तब एक छोटी सी खबर दिखा गयी कि सोमनाथ भारती को जमानत मिली।
ऐसे ही जब अखिलेशपति त्रिपाठी पर दंगे भड़काने के आरोप लगे, मीडिया में कितनी चर्चा हुई थी ? प्राइम टाइम पर कितने डिबेट हुए थे ? विरोधी पार्टी भी खूब लानत-मलामत कर रहे थे। लेकिन जब पिछले साल वो इस मामले में बरी हुए तो इसकी कितनी बड़ी चर्चा हुई ? कितने डिबेट हुए, इस पर ? कमांडो सुरेंद्र, दिनेश मोहनिया, मनोज कुमार, प्रकाश जारवाल, महेंद्र यादव आदि के मामले में भी ऐसा ही हो चूका है, इनको जमानत मिलने पर कोई खास चर्चा नहीं हुई ।
पिछले साल जब सोमनाथ भारती पर आरोप तय हुआ और दिल्ली पुलिस उनको गिरफ़्तारी के लिए ढूंढ रही थी, तब मीडिया में लगभग रोज ही इस पर बहस होती थी। कहते थे कि सोमनाथ जी को आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। केजरीवाल जी को उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील करनी चाहिए। केजरीवाल जी ने ऐसा किया भी था। मैं नहीं कहता कि सोमनाथ जी सही कर रहे थे। उन्होंने जो कुछ भी किया उसका फैसला अदालत करेगी। पिछले ही दिनों भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह पर मायावती जी के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा है। इस मामले में पुलिस उनको भी ढूंढ रही है, वो भी नहीं मिल रहे हैं। इस पर कोई डिबेट हुई मीडिया में ? मोदी जी से किसी ने कहा कि दयाशंकर सिंह से आत्मसमर्पण करने की अपील कीजिये ?
अभी कल ही ओखला के आम आदमी पार्टी के विधायक की गिरफ़्तारी हुई है। इस पर खूब चर्चा हो रही है न्यूज चैनेल पर। लेकिन अगर उनको इस मामले में जमानत मिल जाएगी, तो इस पर डिबेट होगी ? कल को इस मामले में अगर वो माननीय न्यायालय द्वारा बरी हो जाते हैं, तो इस बारे में न्यूज चैनेल पर डिबेट होगी ? अभी तक तो ऐसा नहीं हुआ है। फिर मिडिया का क्या कर्तव्य रह जाता है ? जब आरोप लगे तो खूब मामला उछालो और जब जमानत मिल जाये या फिर बरी हो जाये तो छोटी सी लाइन लिख दो ? जब आरोप लगने पर लंबी-चौड़ी विश्लेषण करते हैं, खुद भी और विभिन्न दलों के नेताओं को बुलाकर उनसे भी करवाते हैं। तो बरी होने पर भी तो इतनी लंबी चौड़ी ही विश्लेषण होनी चाहिए न।
In reply to BHAGAWANA RAM UPADHY
जवाब देंहटाएंmandhirsingh @singhdhiri 15h15 hours ago
@BrUPADHY :-BJP ke PM Modi ne khudh hi aam aadmi ka paisa banks ko lutwaane ke liye diya hai pic.twitter.com/wPsXNUH5FK
In reply to BHAGAWANA RAM UPADHY
जवाब देंहटाएंmandhirsingh @singhdhiri 16h16 hours ago
@BrUPADHY :-sir ji yeh jo sachaaiyan hain har educated aadmi ko pataa hai lekin jo jhuth ka parda BJP nehar aik ki aankh par chadya hua hai?
मेरे देश के बुद्धिजीवियों , सत्तासीन देशभक्तो बुरा न मानना कड़वी सच्चाई है . जिसे आप और हम सबको स्वीकार कर लेनी चाहिए की भ्रष्ट सिस्टम से सलेक्ट , भर्ती लोकसेवक तथा संस्कार रहित प्रारम्भिक शिक्षा इसके लिए पूर्णतया जिम्मेवार है. और इसका एक मात्र समाधान संसद में देशभक्त , मानव चुनकर भेजने से होगा . वरना देश डूबेगा . आप और हम कोई नहीं बचेंगे . सत्य और न्याय के मालिक की जय हो .
जवाब देंहटाएंजागो -जागो-जागो
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देश की सत्ता की , न्याय की , आई ऐ एस ,आई पी एस ,आई आर एस , आई ऍफ़ एस की कुर्सी पर बैठे हुओ सोचो -मनन करो . आज़ादी देकर गए की आत्माए रोती होगी की हम शहीद क्यों हुए .आज़ादी के कारन आपको ये पोस्ट मिली , अधिकार मिले . आज यदि 19 करोड़ भूखे सोते है तो कुदरत का कानून आप पर कठोर दंड का विधान कर सकता हैं . कुदरत का कानून अटल है . इतिहाश इसका साक्षी है . सत्य और न्याय के मालिक की जय हो
देश की सभी पार्टया यदि खुद के संगठन मे बैठे देशद्रोही,मानवता के दुश्मन नेताओ को येन-केन प्रकारेन दफ़न कर दे तो देश का पोलयूसन ख़त्म होकर पर्यावरण शुद्ध हो जाएगा. संसद मे मानव चुनकर जाएँगे और वे मानवता के लिए काम करेंगे. देश को संसकारी सांसदो की ज़रूरत है सत्य और न्याय के मालिक की जय हो.
जवाब देंहटाएंयाद करो-सोचो-मनन करो-जागो
जवाब देंहटाएं------------8----------------------------------
बिहार चुनाव के समय मे नेताओ के बोल , राष्ट्र के नागरिक़ो को धर्म,जाती,संप्रदाय,मज़हब मे बाटने के हथकंडे. भोली जनता को लुभाने की,गुमराह करने की कोशिसे देश और लोकतंत्र के लिए शर्मसार थी. राष्ट्रभक्तो,मानवो , ईमान के रखवालो और सुध धर्म के जानकारो को देश मे छिपे ग़द्दारो को दफ़न करना होगा . लेकिन एसा न हो की आज़ादी के समय की तरह मानव , देशप्रेमी शहीद हो जाए और देश दुबारा गंदगी के हाथो मे चला जाए. मेरा करबध निवेदन है की देशप्रेमी अपना सुरक्षा कवच बनाकर देशद्रोहियो का ख़ात्मा करे. सत्य कीं जय हो.
बिहार के चुनाव के नतीजो से देश और देश की जनता को बाटनेवाले देश के अंदर छिपे देशद्रोही नेता ,देशद्रोही लोकसेवक,देशद्रोही नागरिक ,भरषटाचारी सोच ले और सुधर जाएँ वरना यदि देशभक्त,मानवातप्रेमी,राष्ट्र भक्त आप को दफ़न करने मे लग गये तो आपका नामोनिशान ख़त्म कर देंगे. दिल्ली और बिहार चुनाव मे आपका कोई प्रलोभन नही चला. बिहार और दिल्ली के चुनाव मे मानवो , देशप्रेमियो और ईमानदारो की जीत है. बिहार और दिल्ली की जनता,वोटर्स को मेरा दंडवत नमन. सत्य और न्याय के मालिक की जय हो.
जवाब देंहटाएंविकसित देशो को अपना माल खपाने के लिए इंडिया के मार्केट की गर्ज करना मजबूरी है. सोने की चिड़िया रहा देश का आम आदमी दुखी,ग़रीब,गुलाम अशिक्षित और अन्याय से दुखी क्यो है . तथा न्याय के लिए क्यो तरश रहा है . क्योंकि राष्ट्र मे सभी पार्टियो मे दानओ, देशद्रोहियो का बहुमत हो गया है . सभी MANAVO, देशभक्तो को मनभेद ,मतभेद भुलाकर देशद्रोहियो को दफ़न करना होगा. सत्य की जय हो.
जवाब देंहटाएंमेरे देश भारत मे अन्याय का विरोध करनेवालो को हर हथकंडे से दफ़न कर दिया जाता है . सभी दानवीय ताकते एक हो जाती है . देशवासीयो देश की दानवीय ताकतो को सब देशप्रेमी मिलकर मुकाबला करे.सत्य और न्याय के मलिक की जय हो.
जवाब देंहटाएंनक्सली या अन्य प्रॉब्लम के मूल(जड़) मे जाना होगा.नेताओ,लोकसेवको और नागरिक़ो को संस्कारी बनाना होगा. संस्कार निर्माण की एक मात्र योजना कारगर होगी.समाज और राष्ट्र मे न्याय की स्थापना से ही प्रॉब्लम का शोळ्यूसन है . न्याय केवल संस्कारी मानव ही कर सकते है . संसद मे भेजे गये संस्कारी नेता ही मा भारती का भला करेंगे . सत्य और न्याय के मालिक की जय हो. ज़ाय मा भारती
जवाब देंहटाएंनेताओ,लोकसेवको और नागरिक़ो का मोरल गिर चूका है . कोई भी क़ानून बिना संस्कारी नेता,लोकसेवक और नागरिक़ो के लागू नही हो रहा है और न ही होगा . अन्याय का विरोध करनेवालो को समस्त हथकंडो से दफ़न कर दिया जाता है . क्योंकि बुराई का पलड़ा भारी हो गया है . सत्य और न्याय के मालिक की जय हो. जय मा भारती.
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