28 जुलाई, 2016
सुना है, पिछले दिनों चीन की सेना उत्तराखंड के चमोली जिले में पहुँच गयी थी। इसकी पुष्टि खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी की है। जैसा कि हर बार होता है, उनको इस बार भी मुँह की खानी पड़ी, हमारे जवानों ने उनको भगा दिया। पहले भी यूपीए सरकार के दौरान ऐसी घुसपैठ हो चुकी है। उस समय भी हमारे जवानों ने उसको भगाया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू कहते हैं कि हम इसकी रिपोर्ट लेंगे और देखने की जरूरत है कि ये लोग हमारे क्षेत्र में कितनी दूर तक घुस आये थे।
भारतीय जनता पार्टी एवं खुद प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा समय-समय पर दावा किया जाता है कि वर्तमान सरकार सबसे कुशल और कर्मठ है। मोदी जी 18 घंटे काम करते हैं। मनोहर पर्रिकर जैसे कुशल राजनेता और प्रशासक को रक्षा मंत्री बनाया गया है। क्या फायदा 18 घंटे काम करने का जब नतीजा मनमोहन सिंह सरकार जैसा ही हो ? उन्होंने कभी दावा नहीं किया कि मैं कम सोता हूँ, खूब काम करता हूँ। उनके समय में भी चीन की घुसपैठ होती थी। तब तो यही मोदी जी खूब आलोचना करते थे यूपीए सरकार को निकम्मी और नाकारा सरकार करार देते थे। भारतीय जनता पार्टी मनमोहन जी को सबसे कमजोर प्रधान मंत्री बताती थी।
क्या विशेष फायदा हुआ मनोहर पर्रिकर को रक्षामंत्री बनाने का ? यूँ तो घुसपैठ की घटना कभी-कभी ही होती है लेकिन हमारी सुरक्षा-व्यवस्था और रक्षा-प्रणाली की पोल खोल कर रख देती है। नयी सरकार ने सीमा सुरक्षा के क्या खास इंतजाम किए ? क्यों नहीं सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाती है ? मोदी जी ने कहा था कि 56 इंच का सीना चाहिए सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश को गुजरात जैसा विकसित बनाने के लिए। क्या 56 इंच का सीना कम पड़ जाता है उत्तराखंड जैसे छोटे प्रदेश से जुडी सीमा की रक्षा करने के लिए ?
पिछले सरकार की विफलता से क्या सीख ली मोदी सरकार ने ? विदेशों से निवेश आए बहुत ख़ुशी की बात है, लेकिन विदेशी सेना घुसपैठ करे, बहुत चिंताजनक बात है। उम्मीद है, इस घटना से सीख लेकर सरकार सीमा पर चौकसी बढ़ाएगी।
Are not going right modijee
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