जब से आम आदमी पार्टी को दिल्ली में प्रचण्ड बहुमत मिला है, एक-एक करके कई विधायकों पर आरोप लग चूका है। आरोप भी छोटे-मोटे नहीं बल्कि गंभीर वाले, दंगा भड़काने वाले, महिला से छेड़-छाड़ वाले, जान से मारने की धमकी वाले। ऐसे आरोप लगते हैं जिससे इंसान का पुरा चरित्र ही संदेह के दायरे में आ जाए, इंसान किसी को मुंह दिखाने के लायक न रहे।मानों आम आदमी पार्टी के विधायक बड़े ही अपराधी प्रकृति के हो गए हों। बहुत से मामलों में विधायक जमानत पर हैं, कुछ में बरी भी हो गए हैं। लेकिन आरोप लगने और गिरफ़्तारी का सिलसिला रुक नहीं रहा है।
इसी कड़ी में आज ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया गया है। इन पर भी महिला से छेड़-छाड़ और धमकी देने का आरोप लगा है। समाचार पत्रों की माने तो महिला ने शिकायत दर्ज करवाई है कि वो बिजली की ख़राब स्थिति के बारे में बताने के लिए 9 जुलाई को विधायक के बटला हाउस स्थित घर पर गई थी। वहां विधायक के समर्थक ने उसको गाली दी और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। महिला का कहना था कि समर्थक ने विधायक के कहने पर उसको गाली और धमकी दी। जबकि विधायक का कहना है कि जिस दिन की बात महिला कर रही है उस दिन विधायक जी दिल्ली में थे ही नहीं।
विधायक जी का कहना है कि 9 और 10 जुलाई को विधायक जी मेरठ में और उनके बच्चे कश्मीर में थे। कल से ही सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर की जा रही है और आम आदमी पार्टी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में भी दिखाई गयी। अगर यह वीडियो सही है और इसमें कोई छेड़-छाड़ नहीं की गई है, तो इसके अनुसार जामिया नगर थाने के एसएचओ के कहने पर महिला ने बलात्कार और हत्या की धमकी देने की बात अपने शिकायत में जोड़ी।
अब जबकि विधायक गिरफ्तार हो चुके हैं, मामले की सत्यता अदालत में साबित हो जाएगी। लेकिन कुछ बाते हैं जिन पर गौर करना जरूरी है। सबसे पहली बात कि किसी भी मामले में पुलिस कितना त्वरित कार्रवाई करती है यह किसी से छिपी नहीं है। अगर मामले में आरोपी भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता हो तो दिल्ली पुलिस कितनी तेजी से गिरफ़्तारी करती है, ये सबको पता है। लेकिन ज्योंहि आम आदमी पार्टी के किसी विधायक या कार्यकर्त्ता पर आरोप लगता है, दिल्ली पुलिस ऐसे कार्रवाई करती है जैसे इसी का इंतजार कर रही हो।
चाहे मामला सोमनाथ भारती का हो, जितेंद्र सिंह तोमर का हो, अखिलेश प्रताप त्रिपाठी का हो या फिर दिनेश मोहनिया का, दिल्ली पुलिस बहुत तेजी के साथ गिरफ्तार करती है। इन सभी मामलों में आरोपी को जमानत भी मिल चुकी है। अखिलेश पति त्रिपाठी तो दंगा भड़काने के आरोप से बरी भी हो चुके हैं माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा। अदालत से तो न्याय मिल ही जाता है। लेकिन जब इस तरह के मामलों में आरोप लगते हैं तब आरोपी की कितनी बेइज्जती होती है ?
विरोधी दल के नेता तो आरोप लगते ही अपराधी मान लेते हैं, आम आदमी पार्टी के नेताओं को। न्यूज चैनलस पर भी डिबेट में खूब लानत-मलामत की जाती है। लेकिन जब आरोपी को जमानत मिल जाती है या फिर बरी हो जाता है तो इसकी खास चर्चा नहीं होती। अमानतुल्लाह खान शायद आम आदमी पार्टी के 9वें विधायक हैं जिसकी गिरफ़्तारी हुई है। इससे पहले जितेन्द्र सिंह तोमर, सोमनाथ भारती, सुरिंदर सिंह, मनोज कुमार, महेंद्र यादव, अखिलेश पति त्रिपाठी, दिनेश मोहनिया, प्रकाश जारवाल गिरफ्तार हो चुके हैं। जितेंद्र सिंह तोमर पर फर्जी डिग्री का आरोप लगा है।
गिरफ्तार हुए सभी विधायक या तो जमानत पर हैं या फिर बरी हो चुके हैं। माननीय अदालत द्वारा दिल्ली पुलिस को कई बार झिड़की भी दी जा चुकी है। लेकिन दिल्ली पुलिस अति-उत्साह जरूर दिखाती है अगर आरोपी आम आदमी पार्टी से हो। आम आदमी पार्टी द्वारा कहा जा रहा है कि ये सब मामले राजनीति से प्रेरित हैं। सत्यता तो अदालत द्वारा प्रमाणित हो ही जाएगी, लेकिन तब तक आरोपी की प्रतिष्ठा का जो हनन हुआ है उसकी भरपाई कभी हो पायेगी ?
Let the law should take its own course kaboom se koi upar nahi yeh sub toh Candidates select karne so pehle sochna chayie tah Delhi police ke pass aur bhee kaam hai
जवाब देंहटाएंCandidate select karne se pahle kya sochna chahiye tha ? Thoda vistar se bataiyega to hame bhi fayda hoga.
हटाएंLet the law should take its own course kaboom se koi upar nahi yeh sub toh Candidates select karne so pehle sochna chayie tah Delhi police ke pass aur bhee kaam hai
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