14 जुलाई, 2016
लगता है बिहार की गरिमा को तार-तार करके ही छोड़ेंगे नीतीश जी।पिछले दिनों बिहार के शिक्षा जगत में हो रहे बहुत बड़े लफड़े का पर्दाफाश हुआ। वैसे तो अभी भी लोग टॉपर घोटाला से हुई बेइज्जती से बाहर नहीं निकल पाए हैं। अब एक और जलालत हो गयी। कल-परसों एक समाचार चैनल पर स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया कि कितना गड़बड़ झाला चल रहा है बिहार में। सीबीएससी बोर्ड के नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए अटेंडिंग और नॉन अटेंडिंग कोर्स चलाया जा रहा है।
इसका मतलब कि विद्यालय में एक खास रकम देकर एडमिशन ले लो फिर क्लास करने की जरूरत नहीं है। साल भर आप कहीं भी रहो, आपकी हाजिरी लगती रहेगी। सिर्फ परीक्षा के समय आकर परीक्षा देना है। क्या प्रशासन इन सब बातों से बे-खबर है ? मोहल्ले में अच्छा या बुरा कुछ भी हो, सबसे पहले पुलिस वालों की इसको खबर लग जाती है। लेकिन होता क्या है ? अनैतिक कामों पर लगाम तो लग नहीं पाती है।
अब तो यहाँ सरकार भी अटेंडिंग और नान अटेंडिंग हो गयी है। नीतीश जी नॉन अटेंडिंग मुख्यमंत्री के तौर पर ज्यादा समय बिहार के बाहर रैली करने में बीता रहे हैं और तेजस्वी जी अटेंडिंग मुख्यमंत्री का कार्य भार सम्भाल रहे हैं। लेकिन शिक्षा जगत में इस तरह के खिलवाड़ का हक़ किसने दिया। प्राचीन काल से ही नालंदा विश्वविद्यालय की अपनी एक गरिमा रही है। यह विश्वविद्यालय सम्पूर्ण विश्व में बिहार का सम्मान बढ़ा रहा है। ऊपर से कुछ लोग इस गरिमा को तार-तार करने में लगे हैं।
जब मीडिया द्वारा कभी-कभी हौसला दिखा कर ऐसे मामलों की पोल खोली जाती है तो सम्बद्ध मंत्री एवं अन्य नेता द्वारा कड़ी कार्रवाई करने के बयान जारी कर दिए जाते हैं। बस हो गया कर्तव्य का निर्वाह। जब मामला ज्यादा बढ़ता है तो जाँच कमेटी बना दी जाती है जिसकी रिपोर्ट आने में ही सालों लग जाते हैं। हकीकत तो ये है कि बिहार की इज्जत, अस्मिता और गरिमा की किसी को फ़िक्र नहीं है। न सत्तानशीनों को और न ही नौकरशाहों को। जिसको जो मर्जी हो किए जा रहा है, कोई रोकने वाला नहीं है।
0 टिप्पणियाँ:
टिप्पणी पोस्ट करें