दो साल पहले की ही तो बात है, जब भाजपा विपक्ष में थी और केंद्र में यूपीए की सरकार थी, मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे। केंद्र सरकार के एक-एक निर्णय का सड़क से लेकर संसद तक प्रबल विरोध करती थी भारतीय जनता पार्टी। जबसे मोदी जी भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार घोषित किये गए उसके बाद तो लगभग हर जनसभा में यूपीए सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के कार्य शैली की जमकर आलोचना करते थे। बिलकुल नकारा और निकम्मा साबित करते रहते थे भाजपा वाले उस सरकार को।
10 साल तक मनमोहन सिंह जी प्रधान मंत्री थे, शायद ही कोई दिन रहा हो जब भाजपावालों ने सरकार की बुराई या खिंचाई नहीं की हो। चाहे परमाणु समझौता हो या फिर GST, भाजपा वालों ने कभी भी सरकार की तारीफ नहीं की। सिर्फ कमियाँ ढूंढती रही इसमें। महँगाई को लेकर भाजपा के नेता कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके थे। एक बार तो राजघाट पर भी चले गए थे शायद, धरना देने, महँगाई के मुद्दे पर। उस समय चीजों के जो दाम थे उसके मुकाबले अभी महँगाई बहुत ही ज्यादा है, लेकिन अब इनको कुछ भी नहीं दिख रहा।
उन दिनों के मुकाबले अभी कच्चे तेल का दाम अंतर्राष्ट्रीय मार्किट में कुछ भी नहीं है, लेकिन हमारे देश में डीजल-पेट्रोल के दाम में कोई खास कमी नहीं आई है। ऐसी स्थिति अगर यूपीए के कार्यकाल में होती तो अभी तक धरना प्रदर्शन कर-कर दे आसमान सिर पर उठा लिए होते भाजपा वाले। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का भी खूब विरोध किया था लेकिन अब खूब समर्थन कर रहे हैं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का। काला धन के मुद्दे पर तो मोदी जी ने समय सीमा भी तय कर दी थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद चुप हो गए सब के सब।अब काले धन पर वही बात कही जाती है जो यूपीए सरकार के लोग कहते थे।
यूपीए सरकार की लोकप्रिय स्कीम मनरेगा की भी खूब आलोचना करते थे भाजपा वाले लेकिन जब से केंद्र में सत्ता में आए हैं, इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। GST भी अब इनको बहुत प्यारी हो गयी। इसको पास करवाने के लिए खूब जोर लगा रही है सरकार। लेकिन अब कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। भाई उसको भी तो राजनीति करनी है न। जिन-जिन मुद्दों का विरोध करती थी भाजपा, अब सत्ता में आने के बाद वही काम कर रही है। और कांग्रेस उसका विरोध करने लगी है।
शायद भाजपा का कांग्रेसीकरण और कांग्रेस का भाजपाकरण हो गया है, ऐसा लगता है।
यूपीए सरकार की लोकप्रिय स्कीम मनरेगा की भी खूब आलोचना करते थे भाजपा वाले लेकिन जब से केंद्र में सत्ता में आए हैं, इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। GST भी अब इनको बहुत प्यारी हो गयी। इसको पास करवाने के लिए खूब जोर लगा रही है सरकार। लेकिन अब कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। भाई उसको भी तो राजनीति करनी है न। जिन-जिन मुद्दों का विरोध करती थी भाजपा, अब सत्ता में आने के बाद वही काम कर रही है। और कांग्रेस उसका विरोध करने लगी है।
शायद भाजपा का कांग्रेसीकरण और कांग्रेस का भाजपाकरण हो गया है, ऐसा लगता है।
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