31 मई, 2016
जी हाँ, दिल्ली सरकार ने वैट रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अब बिलकुल आसान कर दी है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सरकार विभिन्न तरीके से लोगों को खरीदारी के साथ वैट वाली बिल को लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उसके बाद एक इनामी योजना भी शुरू की गई। इसके लिए बाकायदा एक मोबाईल ऐप बनाया गया। लोगों से कहा गया कि कुछ भी खरीदें तो वैट वाला बिल जरूर लें। फिर बिल की फोटो खींच कर उस ऐप के जरिए अपलोड करने को कहा गया। निश्चित अंतराल पर इन बिल धारकों का लकी ड्रा निकाला जाता है और भाग्यशाली लोगों को इनाम दिया जाता है।
इससे लोगों में बिल लेने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी और यह योजना बहुत सफल हो रही है । जाहिर सी बात है कि इसके पीछे सरकार का मकसद वैट की चोरी को रोकना एवं टैक्स कलेक्शन को बढ़ाना ही रहा होगा। लेकिन इस योजना से टैक्स चोरों की नींद हराम हो गयी। सोशल मीडिया में कुछ लोग मनगढंत कहानी भी सुनाने लगे कि लोग इनाम के चक्कर में छोटे व्यापारियों से भी वैट वाला बिल मांगने लगे हैं। ये गरीब लोग वैट नंबर कैसे लेंगे। कुल मिलाकर इनकी योजना इस बिल-इनाम योजना की हवा निकालनी थी।
लेकिन उनको ये नहीं पता था कि ये सरकार किसी दबाव या लॉबिंग से झुकने वाली नहीं है। और झुके भी क्यों ? जनता का प्रचण्ड आशीर्वाद जो मिला है वोट के रूप में। अब सरकार ने वैट रजिस्ट्रेशन के लिए आसान तरीका निकाल दिया है। DVAT MSewa नामक मोबाईल ऐप को आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी द्वारा लांच किया गया। इसके जरिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की जरूरत है। वैट-इन्स्पेक्टर को व्यवसाय परिसर का दौरा करने की भी जरूरत नहीं होगी। व्यवसायी को सिर्फ इस ऐप के जरिए व्यवसाय परिसर की फोटो अपलोड करनी होगी ।
प्रयास यही रहेगा कि ऑनलाइन फॉर्म जमा करने के 24 घंटे के अंदर ही वैट रजिस्ट्रेशन हो जाए। दिल्ली सरकार का यह कदम व्यवसायी वर्ग के लिए निश्चित रूप से सुखद है।
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