7 अप्रैल, 2016
बिहार में शराबबंदी क्या हुआ, समझिए कि एक तरह से जुलुम हो गया। बहुत बेचैन हो गए पीने वाले। ई मुसीबत भी धीरे धीरे आया, बहुत ललचा के, तरसा के। पहले हुआ कि जे सिर्फ देशी शराब ही बंद होगा। थोड़ी मायूसी तो हुई , लेकिन लोग सोचे की चलिए अब देशी की जगह ताड़ी पी लेंगे और विदेशी पीने वाले को तो कोई फर्क ही नहीं बुझाया । उसके बाद हुआ कि ताड़ी भी बंद हो जाएगा, भाई अब क्या करेंगे। चलो अब थोड़ा महँगा होगा, थोड़ा कटौती कर लेंगे दूसरे खर्चे में लेकिन क्या करेंगे विदेशी जाम ही छल्काएँगे। विदेशी शराब पीने वाला सब को कोई गमे नहीं था , तनिको सिकन नहीं था उ सब के माथे पर।
लेकिन आई रे दादा दू चारे दिन के बाद नीतीश जी के बयान त सब शराबी जमात पर एक तरह से पहाड तोड़ दिया। कह दिए कि भाई अब बिहार में कोनो शराब नहीं बिकेगा, चाहे देशी-विदेशी हो या ताड़ी हो। ई एक बयान से बिल्कुले दिल टूट गया शराबी लोगन के। अब क्या करे भाई। अब कुछो नहीं मिलेगा तो अपना ग़म गलत कइसे करेंगे ? ख़ुशी कइसे मनाएंगे ? मेहमानबाजी के क्या होगा ? अभी तक ले शराब पीना पिलाना हैसियत दिखाने के बात बन गया था कुछ लोगो के लिए।
अब क्या होगा ? बिल्कुल बजर पड़ गया भाई। कुछ लोग तो सोच लिए कि भाई अच्छा हुआ बंद हो गया। अब नहीं पिएंगे। ओइसे भी कवन बन्हिया चीज था ई शराब। पइसा के नुकसान अलग और सेहत के नुकसान ऊपर से। लेकिन कुछ लोग त बिल्कुले अलबला गए हैं। कुछ लोग के तबियत ख़राब होने लगा है। अस्पताल में भर्ती होने लगे हैं। एक आदमी त बीचे बाजार में चक्कर खा के गिर गया, त दूसरा घर में रखा हुआ साबुन खाने लगा। कुछ लोग जम के कोस रहे हैं नीतीश जी को और उनके सरकार को। जम के भड़ास निकाल रहे हैं। अच्छा जो लोग शराब छोड़ना चाहते हैं उनकी वजह से नशा मुक्ति केंद्र पर भीड़ बढ़ने लगा है।
पहिले दो - चार घूँट अंदर जाने के बाद कुछ लोग जम के अंग्रेजी बोलते थे। अईसा अंग्रेजी कि उसके सामने बड़का बड़का सेक्स पियर भी फेल हो जाये। लेकिन अब सब बंद। अब किसके साथ और कइसे अंग्रेजी बोलेंगे ई लोग। सांस्कृतिक नुकसान भी कम नहीं हुआ है ई शराबबंदी के कारण। शादी-विवाह या फिर कोनो तरह के जलसा में कुछ भाई लोग शराब पीके जम के नागिन डांस करते थे। खूब जमीन पर लोट लोट के। अब ई कला भी बिहार में विलुप्ति के कगार पर ही है। शादी विवाह में भी अब पहिले जइसा रौनक होए के उम्मीद नहीं है। लोग आस पास के राज्य में रिश्तेदारी में शादी हो तो उधर ज्यादा पहुँचने लगे हैं। पहिले रोजगार के लिए शिक्षा के लिए पलायन होता था, अब लगता है कि शराबबंदी के कारण भी थोड़ा- बहुत पलायन होने लगेगा।
चलिए हंसी मजाक अपनी जगह, लेकिन शराबबंदी नीतीश सरकार के द्वारा लिया गया बहुत ही अच्छा कदम है, इसको बहुत पहले ही लागू किया जाना चाहिए था। शराब से धन का नाश और स्वास्थ्य का नाश। शराबबंदी लागू करने के लिए नीतीश जी को फिर से बहुत बहुत बधाई।
नोट : उपरोक्त कथा को सिर्फ हँसी मजाक के तौर पर ही लें। यह लेखक की कल्पना मात्र है।
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