3 अप्रैल, 2016
पिछले दिनों 28 मार्च, 2016 को दिल्ली सरकार का बजट प्रस्ताव 2016 - 2017, माननीय श्री मनीष सिसोदिया जी द्वारा सदन में पेश किया गया। पिछले बजट की तरह इस बजट से भी आम आदमी को बड़ी सारी उम्मीदें थी। और सिर्फ बजट से ही क्यों, जब से केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार बनी है, जनता की उम्मीदें दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। हो भी क्यों नहीं, अपनी सारी उम्मीदों को पूरा करने के लिए ही तो जनता ने इतना प्रचण्ड और अभूतपूर्व बहुमत दिया था पिछले विधानसभा चुनाव में।
वैसे जितनी बंदिशों और ज्यादा मामलों में केंद्र के दखल के बावजूद यह सरकार जनता को इतनी सारी सुविधा देने में सफल हुई है , अगर इसको खुला हाथ मिला होता सचमुच दिल्ली की तस्वीर ही कुछ और होती। सरकार ने पिछले 1 साल में जनता के लिए क्या कुछ किया है इसकी जानकारी तो पूरे साल मिलती ही रही, लेकिन इस बजट भाषण में कुछ उन बातों का भी पता चला जिससे अभी तक हम लोग अनभिज्ञ थे । भाषण की शुरुआत में ही उन्होंने बजट की बड़ी अच्छी परिभाषा भी गढ़ दी, कि आम जनता को ये प्लान और नॉन-प्लान समझ नहीं आता उनके लिए बजट का मतलब है सरकार द्वारा किया गया खर्चा।
दिल्ली की Per Capita Income में 11% वृद्धि होने की बात कही गयी है। मुद्रास्फीति की दर भी दिल्ली में 4.9% रहने की बात कही गयी है, जो कि चेन्नई, मुंबई से बहुत कम होने के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर की दर 5.7% से भी कम है। 2015 - 2016 में कर प्राप्ति में 17%, स्टेट एक्साइज में 31% और स्टाम्प ड्यूटी में 21% की ऐतिहासिक वृद्धि होने की बात कही गयी है। गैर-योजना खर्च में पिछले बजट में 22,129 करोड़ रुपये रखे गए थे लेकिन इसको 21,565 करोड़ रुपये में ही कर लिए जाने की सम्भावना व्यक्त की गयी है। यह सब अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा ही सुखद संकेत है। ऐसा एक ईमानदार सरकार के होते ही संभव है।
उत्पाद कर-प्राप्ति में 31%, विलासिता कर-प्राप्ति में 36.7%, मनोरंजन कर-प्राप्ति में 60% वृद्धि की बात कही गयी है।
आम आदमी कैंटीन के द्वारा जरुरतमंदों को कम पैसे में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हर विद्यालय में एक एस्टेट मैनेजर नियुक्त करने की बात कही गयी है जो विद्यालय की रख-रखाव पर नजर रखेगा और प्रतिदिन विद्यालय खुलने के 2 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट भेजेगा। शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के लिए बजट में 10690 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च करने के लिए बजट में 5259 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। जन परिवहन के मद में 1735 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। द्वारका में नया अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाने की बात कही गयी है। बस टर्मिनल्स के विकास एवं बसों की खरीद के लिए बजट में 325 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इ-रिक्शा की खरीद के लिए दिए जाने वाली सब्सिडी को 15000 रुपये से बढाकर 30000 रुपये करने की बात कही गयी है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स से छूट देने की बात कही गयी है। 2016 - 2017 के दौरान 300 अनियमित कालोनियों में पानी पहुँचाने की बात कही गयी है जिसके लिए 676 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ।
कुल मिलाकर बजट पर सरसरी निगाह डालने पर भी पता चलता है कि यह सरकार सिर्फ बात ही नहीं करती बल्कि काम भी करती है। चुनाव के दौरान किये गए सभी वादों का ध्यान रखा गया है और उनको पूरा करने के लिये सरकार की तत्परता और प्रतिबद्धता इस बजट में बिलकुल साफ़ साफ़ दिखती है।
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