9 मार्च, 2016
पिछले दिनों बिहार सरकार का बजट 2016-2017 पेश किया गया। आज इसको पूरा पढ़ने का मौका मिला है। बजट वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी जी ने पेश किया, बजट भाषण में लिखा हुआ था कि बिहार ने पिछले 10 वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति की है। अच्छा लगा सिद्दीकी साहब के मुंह से यह सुनकर, वैसे इन दस वर्षों में से कई वर्षों तक इनकों बिहार में कोई प्रगति नहीं दिखती थी जब ये विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। राजनीति में तो ये सब चलता रहता है, कल तक जो एक दूसरे के सिद्धांतों के, उनके कार्य प्रणाली के धूर विरोधी होते हैं दूसरे ही दिन से दोनों एक दूसरे की प्रशंसा करने लगे तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं। इसको भारतीय राजनीति की अच्छाई कहिये या बुराई, लेकिन ये बातें विद्यमान तो हैं।
वैसे तो बहुत सारी बातें हैं इस बजट प्रस्ताव में, लेकिन कुछ बातें हैं जिन पर गौर करने की जरूरत है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में नि:शुल्क वाई - फाई के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गयी है। ये वाई - फाई तो वाकई में जैसे मूलभूत सुविधा सी बन गयी है कुछ लोगों की नजर में। ऐसा प्रदेश जहाँ बेरोजगारी और गरीबी से लोग परेशान हैं। लोग इस बात के लिए परेशान रहते हैं कि किस तरह से सम्मानजनक आय की प्राप्ति करें और जीवन की गाड़ी ठीक ठाक चला सकें। प्रदेश में शिक्षा एवं रोजगार की उचित एवं पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण बहुत से लोग दूसरे प्रदेश में भी जाते हैं। वैसे में प्रदेश सरकार की यह योजना बेमानी सी लगती है। अच्छा होगा कि इस पर होने वाले पैसे को रोजगार सृजन में लगाया जाए।
राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। बहुत ही अच्छी बात है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। वित्तीय वर्ष 2016 - 2017 में 5,780 कि. मी. लम्बाई के ग्रामीण पथों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। 80 कि. मी. नए बांध निर्माण का लक्ष्य है। 638 हेक्टेयर क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त करने का कार्यक्रम है। 2 - 5 HP के पम्प सेट पर मूल्य का आधा अधिकतम 10,000 रूपए अनुदान देने की बात कही गयी है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 10 वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिए 10,000/- रूपए देने की बात कही गयी है। उच्च जाति के भी 30,000 छात्रों को जो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की माध्यमिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं और जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 1.50 लाख रूपए तक है, 10,000/- रूपए देने की बात कही गयी है।
सरकारी विद्यालय में कक्षा 9 से 10 में अध्ययनरत सामान्य कोटि के ऐसे छात्र जिनकी पारिवारिक आय अधिकतम 1.50 लाख रूपए है, उनको छात्रवृति देने की बात कही गयी है। नि:शक्तजनों द्वारा प्रयोग में लाये जा रहे वाहनों पर लगने वाले कर को हटा दिए जाने की बात कही गयी है। सामान्य भविष्य निधि को User Friendly बनाने के लिए Android App विकसित किये जाने की बात कही गयी है।
कुल मिलाकर इस बजट में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की कार्यकुशलता एवं राज्य के विकास के प्रति वचनबद्धता की छाप स्पष्ट दिखती है। अब इसके क्रियान्वयन में भी इतनी ही कुशलता दिखे तो बहुत अच्छी बात होगी।
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