31 मार्च 2014
ज्योंही चुनाव का मौसम आता है सिनेमा एवं खेल जगत के बहुत से सितारे अलग ही रूप में प्रकट होने लगते हैं। कुछ चुनाव में खड़े हो जाते हैं तो कुछ किसी प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करने लगते हैं। कुछ तो पूरी पार्टी का ही चुनाव प्रचार करने में व्यस्त हो जाते हैं। पुरे पांच साल तक आप इनको अपने सुख दुःख का हिस्सेदार नहीं पाएंगे, लेकिन चुनाव आते ही ये हमें समझाने लगते हैं कि अमुक प्रत्याशी को वोट करो। अचानक से चुनाव के समय इनका मन समाजसेवा के लिए व्याकुल हो जाता है। आम चुनाव 2014 में भी कई सारे ऐसे अभिनेता चुनाव में खड़े हैं और उनसे कहीं ज्यादा हमें सलाह दे रहे हैं कि हम अपना वोट किसको दें।
लेकिन सवाल यह है कि हम इनकी बातों में आकर किसी को वोट क्यों करें ? इनकी जिंदगी में तो कभी कोई कमी नहीं होती। अच्छे खासे पैसे वाले होते हैं ये लोग। सरकार किसी की भी हो इनको कोई फर्क नहीं पड़ता। कोई विधायक या सांसद बने , इनकी रोजी रोटी पे कोई असर नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है तो हम जैसे गरीब जनता को। अगर आस पास के इलाके की सफाई नहीं हुई तो मच्छर और गन्दगी से बुरा हाल हमारा होता है इनका नहीं। बस, सड़कें, बिजली पानी की समस्या से हर रोज हमें दो चार होना पड़ता है, इनको नहीं।
अधिकतर अभिनेता और खिलाडी चुनाव जीत ही जाते हैं। लोग इनकी लोकप्रियता के कारण वोट दे देते हैं। सोचते होंगे कि जिसको देखने के लिए हमें पैसे खर्च करने पड़ते हैं उसको मुफ्त में ही देखने का मौका मिलेगा। लेकिन ऐसे लोगों को सांसद बनाने का क्या नतीजा हुआ है वह हमलोगों से छिपा नहीं है। चुनाव जीतने के बाद ऐसा नहीं है कि ये लोग क्षेत्र में ही रहते हैं और क्षेत्र की जनता के सुख दुःख में शामिल होते हैं। बल्कि चुनाव जीतने के बाद शायद ही कभी अपने क्षेत्र में नजर आते हैं ये लोग।
चुनाव जीतने के बाद पुनः ये लोग अपने व्यवसाय में जुड़ जाते हैं और क्षेत्र की जनता उनकी शक्ल देखने को भी तरस जाती है , क्षेत्र में विकास कार्य की बात कौन कहे। दो चार को छोड़ कर इन अभिनेताओं की संसद में उपस्थिति नगण्य ही देखी गयी है। संसद की बहस में शायद ही किसी अभिनेता सांसद ने हिस्सा लिया हो , लेकिन हर अभिनेता चुनाव के वक्त क्षेत्र में समय देने और वहाँ की समस्याओं को दूर करने के वादे करता है। लोग भी इनकी बातों पर विश्वास कर के वोट दे देते हैं।
मेरा तो मानना है कि हमारा वोट बहुत कीमती है, इसको किसी की लोकप्रियता के चक्कर में बर्बाद नहीं कर लेना चाहिए। वोट तो उसी को देना चाहिए जो हमारी सेवा करने में सक्षम हो, चाहे वो इंसान आम हो या खास।
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