22 अक्टूबर, 2018
आज कल #Metoo मुहिम चल रहा है, जिसके अंतर्गत महिलायें अपने जीवन में हुए यौन शोषण के बारे में खुल कर बता रही है, कुछ तो थाना - कोर्ट का भी सहारा ले रही हैं, आरोपी को सजा दिलवाने के लिए। कुछ लोग इसको सस्ती लोकप्रियता पाने का साधन बता रहे है, तो कुछ लोग लड़की के आरोप पर ही सवाल कर रहे हैं कि तब उन्होंने क्यों चुप्पी साधी, अब क्यों बदनाम कर रहे हैं। लेकिन एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इस मुहिम को समर्थन दे रहा है, लड़कियों की तारीफ कर रहा है कि आखिर देर से ही सही, उन्होंने हिम्मत तो की, ऐसे नीच कर्म करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने की। जिन पर आरोप लगे हैं वो कितने दोषी हैं, ये तो जाँच का विषय है। लेकिन ये भी कटु सत्य है कि लगभग सभी स्त्रियों को, कहीं न कहीं ऐसे दौर से गुजरना पड़ता है। कुछ नजरंदाज करके आगे बढ़ जाती हैं तो कुछ आहत हो जाती हैं।
छेड़छाड़ तो जरूर होती है, इस बात में कोई दो राय नहीं है। ज्योंही पुरुष को लगता है कि पकड़ा नहीं जाऊंगा, अपनी हरकते शुरू कर देता है। मैं ये नहीं कहता कि सभी पुरुष ऐसे हैं, लेकिन अधिकतर ऐसे हैं, इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। क्या किशोर, क्या जवान, क्या बुजुर्ग, हर उम्र के लोग इसमें लिप्त हैं। ठरक अब किसी उम्र का मोहताज नहीं रह गयी है। तो क्या किया जाए ? इतने सारे कानून बने हुए हैं महिलाओं की यौन शोषण से बचाव के लिए, लेकिन सब विफल सा लगता है। कोई डर ही नहीं ठरकीयों को कानून का। ऐसा क्यों है ? पुरुषो की मानसिकता इस तरह की क्यों हो रही है ? मैं फिर कहता हूँ, ऐसा नहीं है कि सभी पुरुष ऐसे हैं, लेकिन अधिकतर हैं। आखिर क्या है, कौन से ऐसे रासायनिक तत्व मौजूद हैं पुरुषो के शरीर में जो कानून और सजा के डर, समाज के लोक-लाज, अपनी शर्म-लिहाज तो ताक पर रखकर ऐसे कर्मो की तरफ कुप्रेरित करते हैं ? आखिर कौन सा मनोविज्ञान है जो ऐसे कर्मो के लिए, ऐसे पुरुषो को हमेशा तैयार रखता है, उम्र को दरकिनार करके।
जैसे जैसे डिजिटल इंडिया की प्रगति हो रही है, सोशल मीडिया का दबदबा बढ़ रहा है, और छेड़ू लोग सोशल मीडिया में भी अपनी नीचता का प्रदर्शन कर रहे हैं। ज्योंही किसी स्त्री का प्रोफाइल देखा, भेज दिया मित्रता निवेदन, ज्योही मित्रता निवेदन स्वीकार हुआ, उसको अपने आप ही प्रणय निवेदन में विकसित कर लिया, और लगे उस स्त्री को अपनी यौन कुंठा निवारण का माध्यम समझने। सबकुछ अपनी तरफ से तय कर लिया और लगे भेजने इनबॉक्स में प्रेम रस से सराबोर सन्देश भेजने। यह भी पूछने जानने की जहमत नहीं करते ये नीच पुरुष कि वो स्त्री उससे बात करने में रूचि रखती है या नहीं। बस अपनी तरफ से ही खुद को उसका पति / प्रेमी समझ लिया और लगे ताबड़तोड़ मेसेज भेजने। बहुत बार इस मेसेज में अश्लील शायरी, चुटकुले और नंगी वीडियो, फोटो भेजने का भी समावेश हो जाता है । ऐसे में महिला क्या करे ? क्या करे ऐसे ठरकियों की अनचाही ठरक का ?
क्या उसने किसी अनजान का मित्रता निवेदन स्वीकार करके कोई गुनाह कर दिया है ? आखिर क्या है ऐसा स्त्री शरीर में, जिसमे वशीभूत होकर पुरुष हर डर भूल जाता है, और यौन अपराध करता है ? ऐसा क्या है पुरुष शरीर में जो किसी भी उम्र में ऐसे नीच कर्म को करने को प्रेरित करता है ?
कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरूर रखियेगा।
जैसे जैसे डिजिटल इंडिया की प्रगति हो रही है, सोशल मीडिया का दबदबा बढ़ रहा है, और छेड़ू लोग सोशल मीडिया में भी अपनी नीचता का प्रदर्शन कर रहे हैं। ज्योंही किसी स्त्री का प्रोफाइल देखा, भेज दिया मित्रता निवेदन, ज्योही मित्रता निवेदन स्वीकार हुआ, उसको अपने आप ही प्रणय निवेदन में विकसित कर लिया, और लगे उस स्त्री को अपनी यौन कुंठा निवारण का माध्यम समझने। सबकुछ अपनी तरफ से तय कर लिया और लगे भेजने इनबॉक्स में प्रेम रस से सराबोर सन्देश भेजने। यह भी पूछने जानने की जहमत नहीं करते ये नीच पुरुष कि वो स्त्री उससे बात करने में रूचि रखती है या नहीं। बस अपनी तरफ से ही खुद को उसका पति / प्रेमी समझ लिया और लगे ताबड़तोड़ मेसेज भेजने। बहुत बार इस मेसेज में अश्लील शायरी, चुटकुले और नंगी वीडियो, फोटो भेजने का भी समावेश हो जाता है । ऐसे में महिला क्या करे ? क्या करे ऐसे ठरकियों की अनचाही ठरक का ?
क्या उसने किसी अनजान का मित्रता निवेदन स्वीकार करके कोई गुनाह कर दिया है ? आखिर क्या है ऐसा स्त्री शरीर में, जिसमे वशीभूत होकर पुरुष हर डर भूल जाता है, और यौन अपराध करता है ? ऐसा क्या है पुरुष शरीर में जो किसी भी उम्र में ऐसे नीच कर्म को करने को प्रेरित करता है ?
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