20 सितम्बर, 2017
जब GST लागु किया गया तो इसको भारतीय कर प्रणाली के इतिहास में एक क्रांति बताया गया और एक बहुत ही अनोखे और भव्य तरीके से इसको लांच किया गया। इस पर राजनीति भी खूब हुई, जब कांग्रेस लागु कर रही थी तो भाजपा ने इसका पूरजोर विरोध किया और पास नहीं होने दिया। अब जब भाजपा की सरकार लागु करने लगी तो कांग्रेस ने उतने ही प्रबल तरीके से विरोध किया। लेकिन अंतत: GST लागु हुआ। जैसा कि हर नए कानून का नयी प्रणाली का विरोध करने का चलन सा हो गया है, इसका भी विरोध व्यापारियों द्वारा धीरे धीरे दबी जुबान में शुरू हुआ और जोर पकड़ता गया। अब तो हालत यह हो गई है कि इसको फेल साबित करने की पूरी कवायद की जा रही है।
हर संभव तरीके आजमाए जा रहे हैं व्यापारियों द्वारा जिससे GST की वर्तमान प्रणाली ख़त्म हो जाए। तरह तरह के बहाने बनाये जा रहे हैं। जुलाई के महीने के रिटर्न को भरने के लिए हर आखिरी तारीख की समाप्ति के बाद आखिरी तारीख बढ़ाई जा रही है। कहा जा रहा है सिस्टम हैंग हो जाता है आखिरी दिन को, इसलिए भर नहीं पाते हैं। भाई आप आखिरी तारीख का इंतजार ही क्यों करते हैं ? क्यों नहीं पहले ही भर देते ? किस बात का इंतजार है आखिर ? जुलाई महीना ख़त्म हुए पौने दो महीने हो गए। अब उसमें उस महीने की कौन सी नई खरीदारी या बिक्री हो गई जो आप सरकार को हिसाब नहीं देने में देरी कर रहे हैं ? जब ऑनलाइन रिटर्न नहीं भरे जाते थे तब भी आपको दिक्कत थी कि बहुत भीड़ लगती है सेल्स टैक्स ऑफिस में,इससे आपका समय बर्बाद होता है। अब तो आपको खुश होना चाहिए दिन के 24 घंटे हफ्ते के सातो दिन आप जब चाहे अपनी सहूलियत के हिसाब से हिसाब दे सकते हैं। जबकि पहले सिर्फ 8 घंटे ही मिलते थे दिन में और साप्ताहिक छुट्टी भी।
क्यों नहीं देना चाहते हैं हिसाब सरकार को ? इतनी बहानेबाजी किस लिए ? CA क्या करेगा इसमें ? आपको फॉर्म भरना सिखाएगा ? आप पहले भी अपना खाता बही एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से ही बनाते होंगे, वही अब भी करना है। फर्क इतना है कि पहले ऑफलाइन होता था अब ऑनलाइन है। इसमें कोई रॉकेट साइंस तो है नहीं। सिर्फ बिक्री की इंट्री करनी है पूरे महीने की, खरीद की करनी है। और क्या करना है ? व्हाट्सप्प, फेसबुक तो बहुत अच्छे से चलाना आता होगा आपको, ऑनलाइन पेमेंट भी कर लेते होंगे, ऑनलाइन शॉपिंग भी करते होंगे। लेकिन सिर्फ आपको GST का रिटर्न भरना नहीं आता, है न ? टैक्स तो आप पहले भी खरीद पर देते होंगे और बिक्री पर लेते होंगे, लेकिन चुकि अब GST के अंतर्गत एक एक बिल का हिसाब देना है तो आपको बहुत परेशानी हो रही है।
लेकिन ये सरकार कदम पीछे हटाने वाली नहीं है, इसको परोक्ष रूप से विपक्ष का भी भरपूर समर्थन है। क्योंकि यह एक बहुत ही अच्छी कर प्रणाली है, इसमें टैक्स चोरी की सम्भावना न के बराबर है। इसलिए रो के चाहे गा के, आपको GST रिटर्न भरना ही होगा, तारीखे चाहे बेशक आगे बढ़ती रहे लेकिन GST प्रणाली ख़त्म हो जाएगी, इस भुलावे में न रहिये।
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