10 अप्रैल, 2017
यह सबको पता है कि गाड़ियों द्वारा निकले धुएं से प्रदुषण होता है और इससे तरह तरह की बीमारियाँ जैसे टीबी, कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है। लाखों लोग मरते हैं हमारे देश में प्रति वर्ष वायु प्रदुषण के कारण हुई बिमारियों से। लेकिन सरकार के कान पर शायद ही जूं रेंगती है। BS-III गाड़ियों से ज्यादा प्रदुषण होता है BS -IV के मुकाबले। कायदे से सरकार को चाहिए कि BS -IV गाड़ियों के चलन में आते ही BS-III गाड़ियों का चालन बंद करवा दे, ताकि लोगों को साँस लेने के लिए ज्यादा शुद्ध हवा मिल सके।
लेकिन BS-III गाड़ियों का चालन बंद करना तो दूर, उसकी बिक्री भी बंद नहीं करवाई सरकार ने। धड़ल्ले से ये गाड़ियाँ लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती हुई सड़क पर इठला कर चलती रही। लिहाजा जैसा कि अधिकतर मामलों में होता है, जब पानी सर से ऊपर हो जाता है तो न्यायालय स्वतः हस्तक्षेप करती है या किसी याचिका पर फैसला सुनाती है, इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि 1 अप्रैल 2017 से BS-III गाड़ियों की बिक्री नहीं होगी।
इसके बाद तो जैसे हड़कंप ही मच गया। कुछ राजनेताओं ने तो इसका कानूनी हल भी ढूँढना शुरू कर दिया। मतलब लोगों की जिंदगी की जैसे चिंता ही नहीं हो। लेकिन दुकानदारों को तो अपना माल बेचना था, सो उन्होंने गाड़ियों पर भारी छूट की घोषणा कर दी। डीलरों द्वारा दुपहिया वाहनों पर 15 से 20 हजार रुपये कर चार पहिया वाहनों पर 50 हजार से 1 लाख रूपये के छूट की घोषणा होते ही ग्राहक तो जैसे टूट ही पड़े। छूट का लालच ऐसा था कि 31 मार्च को गाड़ियों का स्टॉक ही ख़त्म हो गया, बहुत से लोग निराश हुए।
मतलब समाज के प्रति कोई जवाबदेही नहीं ? सिर्फ पैसा ही कमाना मकसद है कुछ व्यापारियों का ? चलो व्यापारियों की तो मजबूरी है की घाटा लगेगा लेकिन लोगों का क्या ? कुछ हजार रुपयों का लालच ऐसा कि खरीदने पहुँच गए ऐसी गाड़ियाँ जिससे स्वास्थ्य का खतरा है ! अगर बीमारी हो गई तो इसका कितना गुना पैसा लगेगा इलाज में ये किसी ने नहीं सोचा ? अरे, सुप्रीम कोर्ट ने यह सोचकर तो तारीख तय नहीं की थी कि इस तिथि से पहले सब लोग खरीद लो। माननीय न्यायालय को तो कोई तारीख तय करनी ही थी।
न्यायालय की तो मंशा थी कि लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे, लेकिन इस मंशा को पलीता उन्ही लोगों ने लगा दिया जिसके स्वास्थ्य की फ़िक्र की गई थी। इस तरह का लोभ और लालच हमें किस गर्त में धकेल देगा, आसानी से समझा जा सकता है।
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