22 जनवरी, 2017
दिल्ली की तरह ही पंजाब की जनता के पास पहले कोई दूसरा विकल्प नहीं था. इसलिये कभी अकाली दल कभी कांग्रेस को वोट देना पड़ता था इनको. दोनो के ही शासन काल में जनता का शोषण और चोर लूटेरो का पोषण होता रहा है.
एक समय था जब दूसरे प्रदेशो से व्यापारी ऊनी कपडो की थोक खरीदारी के लिये लुधियाना के सिवा किसी दूसरे शहर का रुख भी नहीं करते थे लेकिन अब लुधियाना में उद्योग धंधे चौपट हो चुके हैं. कभी हिन्दुस्तान का मैनचेस्टर कहा जाने वाला लुधियाना, आज अपनी व्यथा की कहानी खुद की जुबानी कह रहा है. किसानो की हालत तो बद से बदतर होती जा रही है. पहले खेतो की पैदावार इतनी ज्यादा होती थी कि दूसरे प्रदेशो से प्रवासी मजदूर फ़सल काटने के लिये पंजाब आया करते थे. लेकिन आज पंजाब के अन्नदाता के सामने सम्मानपूर्वक जीने की चुनौती है. किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं क्योंकि उनकी माली हालत ठीक नहीं.
एक समय था जब दूसरे प्रदेशो से व्यापारी ऊनी कपडो की थोक खरीदारी के लिये लुधियाना के सिवा किसी दूसरे शहर का रुख भी नहीं करते थे लेकिन अब लुधियाना में उद्योग धंधे चौपट हो चुके हैं. कभी हिन्दुस्तान का मैनचेस्टर कहा जाने वाला लुधियाना, आज अपनी व्यथा की कहानी खुद की जुबानी कह रहा है. किसानो की हालत तो बद से बदतर होती जा रही है. पहले खेतो की पैदावार इतनी ज्यादा होती थी कि दूसरे प्रदेशो से प्रवासी मजदूर फ़सल काटने के लिये पंजाब आया करते थे. लेकिन आज पंजाब के अन्नदाता के सामने सम्मानपूर्वक जीने की चुनौती है. किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं क्योंकि उनकी माली हालत ठीक नहीं.
लेकिन इस बार स्थिति अलग है। इस बार आम आदमी पार्टी के रूप में एक अच्छी और सच्ची पार्टी का बेहतर विकल्प है. केजरीवाल जी के नाम, वादे और इरादे के साथ साथ दिल्ली में किया गया काम भी जनमानस को लुभा रहा है।
तभी तो जनता गुनगुना रही है,
* केजरीवाल केजरीवाल
सारा पंजाब तेरे नाल *
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