कल माननीय उच्चतम न्यायलय का ऐतिहासिक फैसला आया। अब जाति, भाषा और धर्म के नाम पर वोट माँगना गैरकानूनी होगा। उम्मीद है कि राजनीति कब पहले से ज्यादा साफ सुथरी हो जाएगी। लेकिन तथाकथित राजनीतिज्ञों का क्या होगा ? क्या होगा उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह का जो यादवो और मुसलमानो की राजनीति करते हैं और इनके उत्थान के नाम पर वोट मांगते प्रतीत होते हैं ? मुसलमानो की स्थिति को दयनीय बताकर और उसको और बेहतर करने का वादा करके वोट बटोरने की कोशिश लालू यादव एवं उनकी पार्टी भी करती है बिहार में। अब तो ओवैसी भी कूद पड़े हैं उत्तर भारत की राजनीति में।
बिहार विधानसभा 2015 के चुनाव में उन्होंने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी पार्टी के उम्मीदवार भी खड़े किये थे और मुस्लिमो की स्थिति बेहतर करने के वादे के साथ वोट मांगे थे। ये बात और है कि जनता ने उनको सिरे से नकार दिया। सुना है अब उत्तर प्रदेश में भी अपनी राजनीति को लेकर आ गए हैं ओवैसी और आगामी विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी भी हिस्सा लेगी। तो क्या होगा और लालू प्रसाद यादव और ओवैसी की राजनीति का ? मायावती की राजनीति का क्या होगा, जिसकी पार्टी का नाम ही बहुजन समाज पार्टी है। जाहिर है वो बहुजन समाज का ही प्रतिनिधित्व करती हैं।
दलितों की स्थिति बेहतर करने को लेकर ही मायावती की राजनीति चलती रहती है। पिछले कई चुनाव से सपा और बसपा के बीच ही सत्ता परिवर्तन होता रहा है उत्तर प्रदेश में। और तो और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी जाति और धर्म की राजनीति से परे नहीं है। लगभग हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व की भावना को उभारने की कोशिश करती है। जब जब उत्तर प्रदेश में चुनाव होते हैं किसी न किसी बहाने भारतीय जनता पार्टी और उसके कुछ नेता अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा जरूर छेड़ते हैं। क्या होगा नीतिश कुमार की राजनीति का जो बिहार की पिछड़ी जातियों को पिछड़ा अति पिछड़ा और दलित को दलित और महादलित में ही विभाजित करते रहते हैं।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला निश्चित रूप से स्वागत योग्य है और स्वच्छ राजनीति के लिये उत्प्रेरक सिद्ध होगा। लेकिन क्या राजनीतिक दल अपनी पुरानी आदत को जल्दी भूल पाएंगे ? होना तो यह चाहिए कि ज्योंहि कोई नेता इस कानून का उल्लंघन करता दिखे, उस पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चले।
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "ठण्ड में स्नान के तरीके - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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हटाएंआपने मेरी पोस्ट को इस योग्य समझा, आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
मेरी एक और ब्लॉग है जिस पर मैं गैर - राजनीतिक लेख लिखता हूँ।
http://chaupal-charcha.blogspot.in/
इस ब्लॉग पर अपनी मौलिक शायरी लिखता हूँ।
http://jazba-e-dil.blogspot.in/
कभी मौका मिले तो इन दोनों पर भी गौर फरमाइयेगा।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
मृत्युंजय।