29 दिसंबर, 2016
भोजपुरी गायक, अभिनेता से लोकसभा सांसद बने मनोज तिवारी अब दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं। जनसंघ के दिनों से लेकर लोकसभा चुनाव 2014 तक, दिल्ली भाजपा को एक भी पूर्वांचली इस योग्य नहीं मिला था, जिसको प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सके। लेकिन लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही सतीश उपाध्याय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया भाजपा ने। अब एक और पूर्वांचली को दिल्ली प्रदेश की जिम्मेदारी मिली है। ऐसा क्या हो गया अचानक से, कि भाजपा एक के बाद एक पूर्वांचली को ही दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा रही है। इससे पहले कभी तो ऐसा नहीं हुआ।
कारण है दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी का उदय और उसको विधानसभा चुनाव 2013 में मिला अभूतपूर्व समर्थन। यह किसी से छिपा नहीं है कि आम आदमी पार्टी के उदय एवं उत्थान में दिल्ली में रह रहे प्रवासी पूर्वांचलियों का अमूल्य एवं अतुलनीय योगदान है। दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों ने एक तरफ़ा खुला समर्थन दिया था आम आदमी पार्टी को। और झुग्गी वाले ही क्यों फ्लैटों में रहने वाले पूर्वांचलियों ने भी सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी से ही उम्मीद बांधकर पार्टी के हित में दिन रात मेहनत की थी। सभी परेशान लोगों का सहारा सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी ही बनकर सामने आई थी।
झुग्गी - झोपड़ी वाले, गरीब मजदूर बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते थे लेकिन बिजली का अनाप-शनाप बिल उनके बजट को बुरी तरह से बिगाड़ देता था। ऐसे में अरविन्द केजरीवाल ने बिजली और पानी का मुद्दा उठाया। गरीबों ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ अपना समर्थन दिया। केजरीवाल जी ने वादा किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पानी मुफ्त और बिजली आधे दाम पर दिया जाएगा। साथ ही साथ भ्रष्टाचार मुक्त एवं खुशहाल दिल्ली का भी वादा किया। गरीबों को और क्या चाहिए। हो गए सभी गरीब और ईमानदार लोग उनके साथ और मिला आम आदमी पार्टी को अभूतपूर्व जन-समर्थन।
विधानसभा चुनाव में पूर्वांचलियों का समर्थन एकतरफा आम आदमी पार्टी की तरफ गया देखकर ही भाजपा ने सतीश उपाध्याय के रूप में अपना दिल्ली का पहला पूर्वांचली प्रदेश अध्यक्ष चुना। लेकिन इससे पूर्वांचलियों का झुकाव जरा भी भाजपा की तरफ नहीं हुआ और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में भी आम आदमी पार्टी को पहले की अपेक्षा ज्यादा, अभूतपूर्व जनसमर्थन हासिल हुआ। अब दिल्ली के पूर्वांचलियों की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी से ही है। इससे पहले हर विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने उनको सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक ही समझा है।
भारतीय जनता पार्टी को इस बात का अच्छी तरह से अंदाजा हो गया है कि दिल्ली में पूर्वांचलियों के समर्थन के बिना राजनीति करना सम्भव नहीं। तभी तो मनोज तिवारी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। लेकिन इसके बावजूद पूर्वांचलियों का झुकाव भाजपा की तरफ हो, इसमें संदेह लगता है। कांग्रेस और भाजपा द्वारा अभी तक सिर्फ छले ही गए पूर्वांचली सिर्फ इस बात को लेकर की मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, भाजपा का रुख करेंगे, थोड़ा असंभव सा लगता है। अभी तो पूर्वांचलियों का आम आदमी पार्टी से मोह भी भंग नहीं हुआ है, पाला बदलने की बात तो दूर है।
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