10 अक्टूबर, 2016
आज सुबह ही सुबह बड़ी अच्छी खबर सुनने को मिली। केंद्र सरकार नो डिटेंशन पालिसी को ख़त्म करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल जी द्वारा इस पालिसी को लाया गया था। इसके अनुसार पहली से आठवीं तक के छात्रों को फेल नहीं किया जाता है। इसका बहुत दुष्परिणाम देखने को मिला है।
अधिकतर बच्चों में पढाई के प्रति रूचि ही ख़त्म हो गई, क्योंकि फेल होने का डर जो नहीं था। अब हालत ये है कि नवमी कक्षा के बहुत से बच्चों को ठीक से पढ़ना भी नहीं आता है। नवमीं की परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों की संख्या साल - दर - साल बढ़ती ही जा रही है।
दिल्ली की सरकार ने तो इसको पांचवी कक्षा तक सीमित करने से सम्बंधित बिल विधानसभा से पास करा के केंद्र सरकार के पास स्वीकृति के लिए काफी पहले भेज भी दिया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को वापस भेज दिया गया दिल्ली सरकार के पास।
अब अच्छी बात ये है कि केंद्र सरकार इसको पूरी तरह से ख़त्म करना चाहती है। इस पर राज्यों की मंजूरी लेकर संसद में विधेयक लाने की बात हो रही है। केजरीवाल जी की नीति मोदी जी को पसंद आई, इसको स्वस्थ राजनीति की शुरुआत कही जा सकती है।
लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि स्वस्थ राजनीति कब तक कर पाती है, भारतीय जनता पार्टी।
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