14 अक्टूबर, 2016
आज कल श्रेय लेने का मौसम चल रहा है। वैसे मीडिया वालों में तो श्रेय लेने की होड़ तो काफी पहले से ही है। कोई भी खबर दिखाने के साथ ये कहना नहीं भूलते, हमारे चैनेल ने आपको इसके बारे में सबसे पहले बताया। हमारे पास उस घटना की एक्सक्लूसिव विडियो है। चुनाव के दिनों में तो ये चैनेल वाले ज्यादा ही बेचैन हो जाते हैं। हमारे चैनेल पर पहला इंटरव्यू। हमारे चैनेल के सर्वे ने सबसे पहले कहा था कि ये पार्टी जीतेगी। हमारे चैनेल ने इस पार्टी को सबसे ज्यादा सीट दी थी अपने सर्वे में। मतलब येन-केन-प्रकारेण, इनको अपना नाम आगे रखना है। हमारे चैनेल पर दिखाई खबर का हुआ असर, सरकार ने ये कदम उठाया। अरे, सरकार विरोधियों के दबाव में तो काम करती नहीं, तुम्हारे चैनेल की खबर के दबाव में जरूर काम करेगी।
श्रेय लेने की होड़ राजनीतिक दलों में भी कम नहीं है। कांग्रेस कहती है, हमारी पार्टी को सबसे ज्यादा सत्ता का अनुभव है। तो भाजपा कहती है हमें विपक्ष में रहने का अनुभव है। कोई कहता है हमारी पार्टी ने ये किया, दूसरा कहता है हमारी पार्टी ने वो किया। अच्छा, जिस पार्टी की सरकार रहती है, उनको अपने राज्य में सबकुछ अच्छा अच्छा लगता है, दूसरे राज्य में खूब कमी दिखाई देती है, उनको। ज्योंहि सत्ता से बे-दखल होती है, सारी चीजें तभी से गड़बड़ हो जाती है। 2014 में जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने, थोड़े ही दिनों बाद जम्मू-कश्मीर में रेलवे लाइन का उद्घाटन किया। भाजपाईयों ने श्रेय लेना शुरू कर दिया, मोदी जी ने ये किया, मोदी जी ने वो किया। अरे, मोदी जी ने सिर्फ 1 महीने में ही लाइन बिछवा दी क्या ?
जब से हमारी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया है, भाजपाई कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे इसका श्रेय मोदी जी को देने का। बाकायदा होर्डिंग और पोस्टर लग रहे हैं मोदी जी को बधाई सन्देश के। सीमा पर हमारे बहादुर जवान लड़े और श्रेय मोदी जी को। मनोहर पर्रिकर ने कहा कि हमने सेना को उनकी ताकत का अहसास दिलाया। ओह, कांग्रेस ने इतने दिनों तक कुछ नहीं किया ? आपकी सरकार ने आते ही सेना को मजबूत कर दिया ? मतलब श्रेय लेने के लिए कुछ भी बोल दो ? कांग्रेस को निकम्मा कहकर, कोस-कोस कर ही मोदी जी सत्ता में आए। और अब जब सेना अपना पराक्रम दिखा रही है तो सारा श्रेय भाजपाई मोदी जी को दे रहे हैं।
अब श्रेय लेने की होड़ चल ही रही है तो दूसरे दल क्यों पीछे रहे ? सो, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय अपने नेता मुलायम सिंह यादव को देने में देर नहीं की। छपवा दिया बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर। लिखवा दिया बड़े-बड़े अक्षरों में कि हमारे नेता जी का धन्यवाद कि उनकी सलाह पर मोदी जी ने सेना को सर्जिकल स्ट्राइक करने की अनुमति दी। श्रेय लेने की लालसा की पराकाष्ठा नहीं है ये ? आखिर मुलायम सिंह यादव के सलाह की मोदी जी को जरुरत क्यों पड़ी ? वो तो कोई मंत्री भी नहीं हैं। एक लोकसभा सदस्य के सलाह मात्र पर प्रधानमंत्री इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं ? लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं। बस श्रेय लेना है तो लेना है। ज्यादा कुछ नहीं।
पता नहीं इस श्रेय लेने की होड़ में कांग्रेस क्यों पीछे रह गयी। उसके पास तो पूरा मौका था कहने का कि इतने साल के शासन में हमने सेना को मजबूती प्रदान की। अच्छे-अच्छे हथियार खरीदे। लेकिन उसके नेता चुप ही रहे। सुना है कांग्रेस के नेता तो तब भी चुप रहे थे जब उनके शासन काल में सर्जिकल स्ट्राइक हुए थे। इसलिए भाजपा नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस के शासन काल में सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुए थे।
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