अभी-अभी थोड़ी देर पहले बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर माननीय उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला आया है। नया शराबबंदी कानून 2 अक्टूबर से पूरे राज्य में लागू किया जाना था, उससे पहले ही इसको माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया है। खबर है कि अब राज्य में देशी शराब पर प्रतिबन्ध लागू रहेगा लेकिन विदेशी शराब पर प्रतिबन्ध नहीं रहेगी।
बिहार में शराब-प्रेमियों के लिए बड़े ही राहत की बात है। अब उनको शराब पीने के लिए पड़ोसी राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा, वरना पहले खबर आती थी कि लोग शराब पीने के लिए पड़ोसी राज्यों में भ्रमण करने के बहाने ढूंढते हैं। कई बार नेपाल की सीमावर्ती इलाकों में भी शराबियों को पकड़ा जा चूका है।
शराब है तो बुरी चीज, लेकिन शराबबंदी भी तो तरीके से होना चाहिए न। ये थोड़े न कि सरकार को पूर्ण बहुमत है तो, जो मर्जी, जैसे मर्जी हो, कानून बना दो। अब ये कहाँ का न्याय है कि घर में कोई एक शराब पीये तो पूरे परिवार को जेल भेजवा दो ?
इसके प्रावधानों की तारीफ करते थकते नहीं थे नीतीश बाबू। अपने तरीके से इसकी व्याख्या करते थे और समझते थे कि जनता इसको खूब पसंद कर रही है। अब नीतीश जी न तो जनता की सुनते थे और न ही विपक्ष की बातों पर कान देते थे। ऐसे में सिर्फ माननीय उच्च न्यायालय का ही सहारा रह गया था लोगों को।
अब आज के फैसले से लोगों को बड़ी राहत मिली है। हो सकता है कि इस कानून की कमियों तो दूर करके फिर से लागू किया जाए।
तब तक के लिए शराबी जश्न तो मना ही सकता है। क्या पता कब फिर से शराबबंदी लागू हो जाए।
0 टिप्पणियाँ:
टिप्पणी पोस्ट करें