मोहल्ला क्लिनिक, दिल्ली सरकार की एक ऐसी योजना है जिसको देश ही नहीं विदेश से भी खूब तारीफ मिल रही है। कई राज्य इसके कंसेप्ट की प्रशंसा कर चुके हैं और इसको अपनाने की ओर अग्रसर हैं।
लेकिन एमसीडी को इसमें बहुत कमी दिख रही है। कह रहे हैं कि बड़े सारे नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गयी है, इसके निर्माण में।
दिल्ली नगर निगम का कहना हैं कि कई जगह इसकी इमारत सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। कहा जा रहा है कि कई जगह मोहल्ला क्लिनिक पब्लिक प्लेस पर अतिक्रमण करके बनाये गए हैं।
अब ये मोहल्ला क्लिनिक आज तो बने नहीं हैं, काफी दिनों से बन रहे हैं। सफलता पूर्वक इसका संचालन भी हो रहा है। 10 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज हो चूका है।
लोग बहुत खुश हैं। कह रहे हैं कि घर के पास मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिल रही है और वो भी उत्तम गुणवत्ता की।
तो आज कैसे दिल्ली नगर निगम की नींद खुली ? अब जबकि इसका निर्माण हो चूका है तो इनको बहुत सी खामियाँ दिख रही हैं। जब बन रहा था तब किधर थे नगर निगम के ये लोग और इनके कर्मचारी ?
कोई अपना घर बनाना या फिर उसका मरम्मत जैसे ही करवाना शुरू करता है, निगम के कर्मचारी झट से पहुँच जाते है। बताने लगते हैं कि आपके निर्माण में ये गलती है वो गलती है।
मोहल्ला क्लिनिक जब बन रहे थे तब इनको कोई आपत्ति नहीं थी, शायद कोई नियम भी नहीं टूट रहा था तब। अब अचानक से नियम टूटने लगे हैं।
ये नियम कानून तो बस एक बहाना सा लगता है, दरअसल दिल्ली के तीनो नगर निगम पर काबिज भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली सरकार के विकास कार्यों और मोहल्ला क्लिनिक की सफलता से बुरी तरह हताश हो गई है।
किसी भी तरह से दिल्ली सरकार की सारी जनहित के योजनाओं को असफल साबित करना चाहती है भारतीय जनता पार्टी। राजनीति का इतना घिनौना खेल देश और दिल्ली में कभी नहीं देखा गया।
लेकिन जनता सब समझती है और समझ भी रही है। दिल्ली के फुटपाथ पर लोग मोटरसाइकिल, साइकिल चलाएं तो कोई बात नहीं। दिल्ली के फूटपाथ पर अवैध पार्किंग हो रही है तो कोई चिंता नहीं।
दिल्ली के फूटपाथ पर अवैध रूप से फल-सब्जियां बिक रही हैं, चाऊमिन और चाट के ठेले लगे हैं तो कोई फ़िक्र नहीं है। लेकिन बस मोहल्ला क्लिनिक नहीं बनना चाहिए, है न दिल्ली नगर निगम ?
दिल्ली के फूटपाथ पर अवैध रूप से फल-सब्जियां बिक रही हैं, चाऊमिन और चाट के ठेले लगे हैं तो कोई फ़िक्र नहीं है। लेकिन बस मोहल्ला क्लिनिक नहीं बनना चाहिए, है न दिल्ली नगर निगम ?
वैसे दिल्ली में सिर्फ मोहल्ला क्लिनिक में ही अवैध निर्माण हुआ है या और भी कोई भवन है जिसके निर्माण में नियम कानून की अनदेखी हुई है ? उन भवनों तो तोड़ने में कितनी तत्परता दिखा रही है दिल्ली नगर निगम ?
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