कल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ जोरदार भाषण दिया। उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन थोड़ी सी भी समझ रखने वालों के लिए ये समझना मुश्किल नहीं था कि इशारा किस तरफ था। आतंकवाद और उसको प्रोत्साहन देने वाले देश को खूब ललकारा उन्होंने। खूब लानत-मलामत की उन्होंने। या यूँ कहिये कि एक तरह से पाकिस्तान की बखिया उधेड़ दी उन्होंने। एक शेरनी की तरह गरजते हुए उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट और साफ-साफ़ शब्दों में चेता दिया कि जम्मू-कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है, इस पर किसी को राजनीति करने की जरूरत नहीं है और न ही दखल देने की।
दर-असल पिछले रविवार को हुए उरी हमले से पूरा देश आहत है। ऐसे में सरकार से किसी ठोस कदम की आस की जा रही उसी दिन से। यह तो सर्वविदित है कि युध्द करना इतना आसान नहीं होता। कई तरह की चीजें होती जिनका पता सिर्फ सत्ता में आसीन व्यक्तियों को ही होता है और इन सबका ध्यान भी रखना होता है। लेकिन हाथ पर हाथ धर कर भी तो नहीं बैठा जा सकता न। ऐसे में सम्पूर्ण भारत एवं भारतवासियों की उम्मीद सुषमा जी के भाषण पर ही टिकी थी। विश्व मंच पर सुषमा जी का भाषण सिर्फ उनके अपने विचार नहीं हैं, बल्कि सरकार के इरादों को बयान करते हैं। निश्चित रूप से सुषमा जी का भाषण काबिल - ए - तारीफ है। सम्पूर्ण राष्ट्र को इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा करनी चाहिए।
उनका भाषण जोरदार तो बहुत है लेकिन असरदार कितना है, इसका अंदाजा पाकिस्तान के हुक्मरानों के बयानों से आसानी से लगाया जा सकता है। जिस तरह से पाकिस्तान की तरफ से बौखलाहट भरे बयान आ रहे हैं, इससे लगता है कि बात सही जगह तक पहुँच गयी है।
लेकिन क्या पाकिस्तान इससे कुछ सीख-सबक लेगा ? अपनी नापाक हरकतें बंद करेगा ? आतंकवाद का पनाहगाह बनना बंद करेगा ? आतंकवादियों को प्रश्रय देना बंद करेगा ? भारत के खिलाफ साजिशें रचना बंद करेगा ?
उनका भाषण जोरदार तो बहुत है लेकिन असरदार कितना है, इसका अंदाजा पाकिस्तान के हुक्मरानों के बयानों से आसानी से लगाया जा सकता है। जिस तरह से पाकिस्तान की तरफ से बौखलाहट भरे बयान आ रहे हैं, इससे लगता है कि बात सही जगह तक पहुँच गयी है।
लेकिन क्या पाकिस्तान इससे कुछ सीख-सबक लेगा ? अपनी नापाक हरकतें बंद करेगा ? आतंकवाद का पनाहगाह बनना बंद करेगा ? आतंकवादियों को प्रश्रय देना बंद करेगा ? भारत के खिलाफ साजिशें रचना बंद करेगा ?
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