5 अगस्त, 2016
आज बड़ा ही चौंकाने वाला फैसला किया भारतीय जनता पार्टी ने। विजय रूपानी का नाम गुजरात के नए मुख्यमंत्री के लिए घोषित किया गया भाजपा द्वारा। पार्टी का बहुत बड़ा जनाधार है पटेलों के रूप में। शुरू से ही भाजपा इस समुदाय को खुश करके चल रही है। नरेन्द्र मोदी जी से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री केशु भाई पटेल ही थे। जब नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए तब उनके उत्तराधिकारी के रूप में गुजरात में मुख्यमंत्री पद के लिए आनंदी बेन पटेल को ही चुना गया। पिछले वर्ष पटेल आरक्षण के मुद्दे पर सरकार से नाराज पटेल समुदाय, हार्दिक पटेल के नेतृत्व में गुजरात में गोलबंद हो गया।
आनंदी बेन पटेल इस मुद्दे को सफलता पूर्वक हल करने में बुरी तरह से नाकाम साबित हुई थी। शायद, यही कारण है कि उनको मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। अब उनके उत्तराधिकारी के रूप में भी किसी पटेल को ही चुनने की चर्चा जोरों पर थी। इनमें नितिन पटेल का नाम सबसे आगे चल भी रहा था। लेकिन आज अचानक भारतीय जनता पार्टी ने विजय रूपानी जी के नाम की घोषणा करके सबको चौंका दिया और सारी अटकलों पर विराम लगा दिया।
खबर है कि आधिकारिक घोषणा होने के पहले से ही नितिन पटेल के समर्थक उनको लगातार बधाइयाँ दे रहे थे और खुशी-खुशी नेताजी इसको स्वीकार भी कर रहे थे। शायद यही बात पार्टी नेतृत्व को बुरी लग गयी और इनको उप-मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गयी। वैसे तो यह भारतीय जनता पार्टी का अंदरूनी मामला है, लेकिन अगर यह सच है तो लोकतंत्र के लिए बड़ी अच्छी बात है। पार्टी कोई भी हो, लेकिन आंतरिक अनुशासन तो होना ही चाहिए। बेशक, परिणाम सबको पता हो लेकिन आधिकारिक घोषणा करने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ पार्टी नेतृत्व को ही है। आधिकारिक घोषणा से पहले ही किसी भी तरीके से परिणाम का इशारा देना, अनुशासनहीनता ही कही जायेगी। ऐसा करके भारतीय जनता पार्टी ने बहुत अच्छा किया है और संकेत दे दिया है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
काफी दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी के किसी कदम पर खुशी महसूस हुई है, देखते हैं कब तक टिकी रहती है।
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