4 अगस्त, 2016
लगभग 10 साल पुराना इंतजार ख़त्म हुआ और कल रात को राज्यसभा में भी बहु-प्रतीक्षित GST बिल, पास हो गया। यूपीए सरकार के समय से ही इसको पास कराने की कोशिश की जा रही थी लेकिन सफल नहीं हो रही थी। पिछले साल ही इसको लोकसभा में पास किया जा चूका है, राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है इसीलिए विपक्ष की मनुहार हो रही थी। सुखद है कि सरकार विपक्ष को मनाने में कामयाब रही और बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। शायद सांसदों, मंत्रियों, प्रधानमंत्री आदि के वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाएं बढ़ाने का बिल भी ऐसे ही पास होता होगा। किसी को भी कोई दिक्कत नहीं, सब खुश-संतुष्ट हैं जी।
GST-GST तो बहुत सुना होगा लोगों ने, सुनकर बोर भी हो गए होंगे लेकिन समझ नहीं आया होगा कि क्या है ये । GST का मतलब होता है Goods and Services Tax यानि वस्तु एवं सेवा कर। कहते हैं कि इसके बाद 18 तरह के अलग-अलग कर जैसे बिक्री कर, सेवा-कर, विलासिता कर, मनोरंजन कर और उत्पाद कर आदि नहीं देने पड़ेंगे जनता को, सिर्फ यही टैक्स देना पड़ेगा। बड़ी अच्छी बात है। इससे समान कर प्रणाली लागू हो जाएगी पूरे देश में। अगर किसी चीज पर पूरे देश में जीएसटी 16% है तो राज्य को एसजीएसटी और केंद्र को सीजीएसटी के रूप में 8% - 8% का हिस्सा मिलेगा। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल बेचने पर केंद्र सरकार आईजीएसटी भी वसूल करेगी। इससे निर्बाध रूप से पूरे देश में व्यापार किया जा सकेगा।
लेकिन अभी तक बहुत से सामानों पर जीएसटी दर तय नहीं हुई है, इसको लेकर व्यापारियों में संशय है। आम जनता संशय करके भी क्या करेगी ? उसको तो जो दर उसके प्रतिनिधि तय कर देंगे, रो के या हँस के, भरना ही है। किसी विशेषज्ञ का कहना है कि 17-18% दर किया जाए तो कोई कहता है कि कुछ जरुरत के सामान 12% दर पर, विलासिता की चीजें 40% दर पर और बाकि चीजें 17-18% की दर पर कर दी जाए। कोई 18-19% की बात कर रहा है। अपने-अपने विचार, अपने-अपने कर दर। वैसे पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम जी ने सरकार से अनुरोध किया था कि सरकार इसकी उच्चतम दर 18% तय कर दे, लेकिन ये तो विपक्ष की सलाह थी।
सारे नेता खुश हैं, एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। लेकिन इसका प्रभाव आम जनता पर क्या पड़ेगा ? अभी तक बहुत सी चीजों पर वैट 5 % है, क्या उसपर जीएसटी भी 5% ही रह पायेगा ? बहुत से तो वैट मुक्त भी हैं , क्या उस पर जीएसटी भी नहीं लगेगा ? जनता को ज्यादा पैसा नहीं देना पड़ेगा ? सुना है कि जीएसटी एमआरपी यानि मैक्सिमम रिटेल प्राइस पर लगेगा। अगर यह सच है तो, एमआरपी 200 रुपये है तो बेशक दुकानदार आपको छूट दे रहा हो, लेकिन कर तो 200 रूपए पर ही देना पड़ेगा। नेता भी मान रहे हैं कि 2-3 सालों के लिए महँगाई बढ़ जाएगी। उसके बाद अच्छा हो जायेगा। यही है अच्छे दिन ? ये 2-3 साल झेलेंगे कैसे? यहाँ बहुत से लोगों को दो शाम की रोटी मुश्किल से मिलती है, ऊपर से ये थोड़े दिन की ज्यादा महँगाई। लेकिन एक बात है, जीएसटी बहुत बढ़िया है !
Right..............
ReplyDeleteFir kya hoga....??