जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था तब यह देश में भ्रष्टाचार से त्रस्त लोगों का, देश को भ्रष्टाचार-मुक्त करने का जज्बा लिए लोगों का, एक जमावड़ा बस था। लोग इकट्ठे हुए, साथ चलने का संकल्प लिया और इसको एक राजनीतिक पार्टी का स्वरुप दिया गया। सबने अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में चलने का संकल्प लिया और आम आदमी पार्टी का उदय हुआ। पार्टी के गठन के समय से ही सिर्फ और सिर्फ ईमानदार एवं चरित्रवान लोगों को ही शामिल करने की मंशा रही पार्टी की।
यथासंभव अपने तरीके से ईमानदार लोगों की पड़ताल करके ही पार्टी की सदस्यता दी जाती है, ऐसा पार्टी का कहना है। केजरीवाल जी भी हमेशा ईमानदार लोगों को पार्टी में शामिल होने का आह्वान करते हैं, साथ ही बेईमानों को पार्टी से निकल जाने या दूर रहने की भी बात करते हैं।लेकिन अपने को ईमानदार और चरित्रवान तो हर कोई बताता है। बिना किसी आरोप या सजा के, किसी को बेईमान बताकर पार्टी में आने से रोक भी नहीं सकते। पार्टी के गठन के समय से अब तक बहुत से लोग पार्टी में आए और कुछ पार्टी से गए भी। कुछ निकल गए तो कुछ निकाले गए।
पिछले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को अभूतपूर्व और प्रचण्ड बहुमत मिला। इसके बाद से बहुत से विधायकों पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं। अभी तक लगभग सभी को जमानत मिल चुकी है। 1-2 अभी थोड़े दिन पहले ही गिरफ्तार हुए हैं, उनको ही अभी जमानत नहीं मिली है। कुछ तो बरी भी हो चुके हैं माननीय न्यायालय द्वारा। आज भी एक विधायक के यहाँ आयकर का छापा पड़ा है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि ये सब आरोप और मुक़दमे राजनीति से प्रेरित हैं। मोदी जी सबको राजनीतिक मुकदमे में फंसा रहे हैं। सबलोग अदालत में बेगुनाह साबित होंगे, ऐसा पार्टी का दावा है।
कहते हैं कि सोना आग में तपकर ही कुंदन बनता है। आग में तपने से सोने के साथ मिली हुई तमाम गन्दगी और अशुद्धि जल कर राख हो जाती है और सिर्फ खरा सोना ही बचता है। आम आदमी पार्टी के नेताओं में जो सही होगा वही इन मुकदमों से बरी होगा अदालत में। जैसे अखिलेश पति त्रिपाठी बरी हुए। जो वाकई में गलत होगा, उसको सजा जरूर मिलेगी। इस तरह से आम आदमी पार्टी से गलत लोगो की छुट्टी हो जाएगी। बेईमान और भ्रष्ट लोग इस पार्टी के नजदीक फटकने की भी नहीं सोचेंगे। पार्टी में जो गलत लोग हैं वो चुप-चाप बहार निकल जाएंगे।
यही तो चाहते थे केजरीवाल जी कि पार्टी में सिर्फ ईमानदार लोग ही रहे। अगर आम आदमी पार्टी का आरोप सही भी है तो ऐसे में मोदी जी तो केजरीवाल जी का काम आसान ही कर रहे हैं।
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