17 जून, 2016
पहले शहर में इक्का-दुक्का ही पत्रकार होते थे। उनको समाज में सेलेब्रिटी जैसा सम्मान मिलता था। उनका काम देश-विदेश की घटनाओं एवं समाज की समस्याओं पर अपने विचार लिखना होता था। उनदिनों अख़बार में लिखे उनके लेख को लोग बड़ी ही दिलचस्पी से पढ़ते थे। उनकी अपनी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग होती थी। जैसे आजकल लोग अपने पसंदीदा हीरो-हीरोइनों की फ़िल्म के आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं (अब तो निर्देशक, संगीतकार, नृत्य निर्देशक और खलनायक भी पसंदीदा हो गए हैं ), वैसे ही पहले अपने पसंदीदा पत्रकार के लेख का इंतजार करते थे लोग।पत्रकारों को सरकार की तरफ से तरह-तरह सुविधाऐं भी मिलती थी, अभी भी मिलती हैं।
फिर आया सेटेलाइट चैनल का जमाना, नए-नए समाचार चैनल भी आ गए। इसमें शुरू में सिर्फ समाचार ही दिखाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे रोजमर्रा की घटनाओं पर चर्चा भी की जाने लगी। इसमें एंकर का रोल उभर कर सामने आने लगा। शुरू में तो एंकर सिर्फ एक मॉडरेटर की भूमिका निभाते थे। कोशिश करते थे कि बहस मुद्दे से भटक न जाए। लेकिन इस क्षेत्र में भी क्रांति आई। एंकर चिल्ला-चिल्ला कर सवाल पूछने लगे हैं ,अपने खुद के विचार भी रखने लगे हैं चर्चा के बीच में। अब एंकरों की भी फैन फॉलोइंग हो गयी है। उनकी निष्पक्षता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
लेकिन सोशल मीडिया के लोकप्रिय होने के बाद से तो पत्रकारों की बाढ़ सी ही आ गयी है जैसे। कोई भी किसी का लिखा लेख अपने वाल पर डाल देता है। कोई अपने खुद के विचार भी लिखता है तो भी लोग शक की निगाह से देखते हैं कि जरूर ये किसी की वाल से चोरी कर के लाया होगा। कुछ लोग कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद अच्छा सा लेख भी लिखते हैं तो झट से इसकी कॉपी होने लगती है बिना उचित क्रेडिट दिए ही। मूल लेखक का पता ही नहीं चलता है।
सही मायने में पत्रकार किसको कहते हैं, अब इसमें भी कन्फूजन होने लगी है लोगों को। पहले संवाददाता भी होते थे जिनका काम आस-पास के इलाकों में होने वाली घटनाओं की खबर अपने अख़बार या न्यूज़ एजेंसी को देना होता था। न्यूज़ रीडर समाचार पढ़ते थे। आजकल बड़े शहरों में स्थानीय अख़बार भी निकलने लगे हैं। जिनमें से बहुत से अख़बार में एक ही व्यक्ति समाचार इकठ्ठा करता है, महानुभावों से मिलकर उनके विचार लेता है, उनको संकलित करता है और खुद से छपवाता भी है। वही संपादक भी होता है।
ऐसे ही एक स्थानीय अख़बार के संपादक जी से मिलने का मौका मिला तो हम पूछ बैठे कि एंकर, संवाददाता और न्यूज़ रीडर, और बड़े बड़े लेख लिखने वाले लोग में से पत्रकार किसको कहते हैं जरा बताइए। वो बोले कि ये सारे लोग ही पत्रकार कहलाते हैं। सही है, पत्रकारिता बड़ी आसान हो गयी है आजकल।
0 टिप्पणियाँ:
टिप्पणी पोस्ट करें