4 अप्रैल, 2016
पिछले कुछ सालों से मैं होली के मौके पर अपने पूरे परिवार के साथ त्यौहार मनाने बिहार राज्य में अपने गृह नगर चला जाता हूँ। लेकिन इस बार गाँव स्थित अपने पैतृक आवास पर होली मनाने का मौका मिला। सुबह सुबह होलिका दहन में सम्मिलित होने गया था।
- आप आम आदमी हैं न ?
( करीब 13-14 साल का लड़का मुझे देखते ही मुझसे पूछ पड़ा )
- हाँ हैं। तो आप कौन से खास हैं ? आप भी तो हमारी तरह आम आदमी ही हैं।
- हम उ बात नहीं कर रहे हैं।
- तब कोन बात कर रहे हैं ?
- हम उ टोपी वाला आम आदमी ही बात कर रहे हैं।
- हमको आप कब देख लिए टोपी लगाय हुए, जे हमको वोइसा वाला आम आदमी कह रहे हैं।
- झूठ मत बोलिए। हम देखे थे तबहिए न पूछ रहे हैं।
- कहाँ देख लिए जी, आप हमको टोपी लगाए हुए ?
- फेसबुक पर देखे हैं हम आपका फोटो।
- अच्छा।
( इतना सुनना था कि बगल में खड़े चाचा शुरू हो गए।
- अच्छा, आप ई बताइए कि बिजली सस्ता कब होगा ? भ्रष्टाचार कम कब होगा ?
- हो त गया है बिजली सस्ता।
- नहीं हुआ है , हमारा बिजली बिल पहले जैसे ही जादा आ रहा है।
- बिजली बिल ला के दिखाइएगा हमको फिर हम बतायेंगे कि क्या करना है।
- ठीक है। अबहिये मंगवा के देखा देते हैं आपको, यहीं रुकिए।
- अबहिये दिखाइएगा ? दिल्ली से बिल भी लेके आये हैं क्या आप बिजली का ?
- हम दिल्ली काहे जाएंगे ? हम त इंहे रहते हैं बिहार में।
- ओह, तो दिल्ली में आपका कोन रहता है ?
- कोनो नहीं रहता है।
- जब दिल्ली में न आप रहते हैं और न आपका कोई रिश्तेदार रहता है तो आप काहे कह रहे हैं कि बिजली कब सस्ता होगा ?
- माने बिजली सस्ता पाने के लिए दिल्ली में रहे के पड़ेगा ?
(अब मैं उनकी मासूमियत पर मुस्कुराये बगैर नहीं रह सका )
- नहीं ऐसा नहीं है, लेकिन अभी तो दिल्ली में ही सस्ता हुआ है।
- बिहार में काहे नहीं हुआ ? सर जी तो टीवी पर कह रहे थे कि नीतीश जी को वोट दीजिये। हम तो ई सोच के वोट दिए थे कि जइसे दिल्ली में बिजली सस्ता हुआ है ओइसे ही बिहार में भी होगा।
इतनी देर से हो रही सवाल-जवाब का माजरा अब समझ आया। टीवी पर केजरीवाल जी द्वारा नीतीश जी के पक्ष में मतदान करने की अपील को भोले भाले लोग यह समझ बैठे कि बिहार में भी दिल्ली की तरह ही बिजली सस्ता होगा और उसी गति से ही विकास के कार्य किये जाएंगे। ऐसा अभी तक नहीं हो सका तो ऐसे लोग अब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मैं निरुत्तर हो गया। मेरे पास अब बगलें झाँकने के अलावा और कोई चारा नहीं था। उसको कैसे समझाता कि राजनीति में एक पार्टी द्वारा दूसरी पार्टी को वोट करने के लिए जनता से अपील करना आम बात है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि जिस पार्टी के लिए अपील की जा रही है उसको सत्ता मिलने पर वह भी ऐसे ही काम करेगी जैसे अपील करने वाली पार्टी के नेता कर रहे हैं।
- आप आम आदमी हैं न ?
( करीब 13-14 साल का लड़का मुझे देखते ही मुझसे पूछ पड़ा )
- हाँ हैं। तो आप कौन से खास हैं ? आप भी तो हमारी तरह आम आदमी ही हैं।
- हम उ बात नहीं कर रहे हैं।
- तब कोन बात कर रहे हैं ?
- हम उ टोपी वाला आम आदमी ही बात कर रहे हैं।
- हमको आप कब देख लिए टोपी लगाय हुए, जे हमको वोइसा वाला आम आदमी कह रहे हैं।
- झूठ मत बोलिए। हम देखे थे तबहिए न पूछ रहे हैं।
- कहाँ देख लिए जी, आप हमको टोपी लगाए हुए ?
- फेसबुक पर देखे हैं हम आपका फोटो।
- अच्छा।
( इतना सुनना था कि बगल में खड़े चाचा शुरू हो गए।
- अच्छा, आप ई बताइए कि बिजली सस्ता कब होगा ? भ्रष्टाचार कम कब होगा ?
- हो त गया है बिजली सस्ता।
- नहीं हुआ है , हमारा बिजली बिल पहले जैसे ही जादा आ रहा है।
- बिजली बिल ला के दिखाइएगा हमको फिर हम बतायेंगे कि क्या करना है।
- ठीक है। अबहिये मंगवा के देखा देते हैं आपको, यहीं रुकिए।
- अबहिये दिखाइएगा ? दिल्ली से बिल भी लेके आये हैं क्या आप बिजली का ?
- हम दिल्ली काहे जाएंगे ? हम त इंहे रहते हैं बिहार में।
- ओह, तो दिल्ली में आपका कोन रहता है ?
- कोनो नहीं रहता है।
- जब दिल्ली में न आप रहते हैं और न आपका कोई रिश्तेदार रहता है तो आप काहे कह रहे हैं कि बिजली कब सस्ता होगा ?
- माने बिजली सस्ता पाने के लिए दिल्ली में रहे के पड़ेगा ?
(अब मैं उनकी मासूमियत पर मुस्कुराये बगैर नहीं रह सका )
- नहीं ऐसा नहीं है, लेकिन अभी तो दिल्ली में ही सस्ता हुआ है।
- बिहार में काहे नहीं हुआ ? सर जी तो टीवी पर कह रहे थे कि नीतीश जी को वोट दीजिये। हम तो ई सोच के वोट दिए थे कि जइसे दिल्ली में बिजली सस्ता हुआ है ओइसे ही बिहार में भी होगा।
इतनी देर से हो रही सवाल-जवाब का माजरा अब समझ आया। टीवी पर केजरीवाल जी द्वारा नीतीश जी के पक्ष में मतदान करने की अपील को भोले भाले लोग यह समझ बैठे कि बिहार में भी दिल्ली की तरह ही बिजली सस्ता होगा और उसी गति से ही विकास के कार्य किये जाएंगे। ऐसा अभी तक नहीं हो सका तो ऐसे लोग अब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मैं निरुत्तर हो गया। मेरे पास अब बगलें झाँकने के अलावा और कोई चारा नहीं था। उसको कैसे समझाता कि राजनीति में एक पार्टी द्वारा दूसरी पार्टी को वोट करने के लिए जनता से अपील करना आम बात है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि जिस पार्टी के लिए अपील की जा रही है उसको सत्ता मिलने पर वह भी ऐसे ही काम करेगी जैसे अपील करने वाली पार्टी के नेता कर रहे हैं।
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