6 जून, 2013
आज कल मजाक करने का चलन सा चल पड़ा है। उनकी मंडली को तो मजाक करने की आदत थी, लेकिन उनको भी है, हमें शक तो था लेकिन यकीन नही था। कभी गरीबो
का मजाक बनाते हैं ए कह कर कि 28 रुपये और 65 पैसे से कम रोजाना कमाने
वाला आदमी शहर मे और 22 रुपये और 42 पैसा से कम रोजाना कमाने वाला आदमी
गांव मे गरीब कहलाने योग्य है। उन्होने ए नही बताया कि 29 या 30 रुपये मे
एक आदमी अपने एक दिन का गुजारा किस तरह करें।
अपने लिये तो 35 लाख रुपये का टाय्लेट और जनता के लिये 30 रुपये रोजाना भी नही ? थोड़े दिन पहले एक साहब ने भी मजाक कर दिया कि मेरी आवाज़ ही पहचान है, अरे आवाज़ आ ही नही रही तो पहचानू कैसे? अब ए साहब
कह रहे हैं कि मैने तो मजाक किया था कि बोफोर्स काण्ड की तरह से ही लोग
कोयला घोटाला भी भूल जायेंगे। ना तो बोफोर्स काण्ड मे इनको किसी की गलती
लगी और ना ही इस कोयला घोटाले मे ए किसी को गलत मान रहे हैं।
हुजूर, आपने तो मजाक कर लिया, अपना दिल बहला लिया, लेकिन हम गरीबो पर क्या बीतती
है आपके मजाक के कारण आपने कभी सोचा है? आपको तो मजाक करने की आदत है,
लेकिन 2014 के आम चुनाव मे जनता ने मजाक कर दिया तो? अगले पांच साल तक
विपक्ष मे बैठोगे साहब।
इतनी बड़ी
इनकी पार्टी ऐसे थोड़े ही ना इतने दिनो से राज कर रही है। जनता की नब्ज
पहचानते हैं ये। अब हम ही सोच रहे थे ना कि 2जी मे इतना बड़ा घोटाला हुआ
है, करोड़ो का नुकसान हुआ है देश के खजाने का, अब तो ए पार्टी बीते दिनो की
बात हो जायेगी। स्वामी जी के कारण इस 2जी घोटाले का पता हमें लगा। वर्ना
साहब लोग तो जीरो थ्योरी पढ और पढ़ा रहे थे। अन्ना जी और बाबा रामदेव जी के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन मे लोगो की भीड़ देखकर लगा की लोग भ्रष्टाचार
से त्रस्त हैं और अब कभी कहीं कांग्रेस की सरकार नही बनेगी। लेकिन देखो,
उत्तराखंड और मणिपुर मे इनकी सरकार आ गयी।
अभी हम ए
सोच रहे थे कि इतनी महंगाई बढ गयी है, कोयला घोटाला हुआ है जिसमे खुल कर
राजस्व की हानि हुई है। युवाओं मे कांग्रेस के प्रति गुस्सा और नाराजगी है। अब तो कांग्रेस सारे चुनाव हारेगी। युवा अपना गुस्सा दिखायेगा और कांग्रेस
को युवाओं के एक भी वोट नही मिलेंगे। लेकिन जिस दिन डीजल का दाम 5 रुपये
बढ़ाया गया उसी दिन डेल्ही यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन के चुनाव मे
कांग्रेस समर्थित एन एस यू आइ की भारी जीत हुई और चारो पदो पर इनका कब्जा
हो गया।
इनको पता
है कि जनता की याददाश्त कमजोर होती है और सब भूल जाती है। और मुझे भी ऐसा
ही लगने लगा है। अब तो ए सोच कर डर जाता हूँ कि कहीं युवाओं के गुस्सा 2014
मे भी ना फूटे और ......................
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